उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई की दूरी करीब 1400 किलोमीटर है. यूपी से काफी संख्या में लोग मुंबई में रोजगार के सिलसिले में आते-जाते रहते हैं. कई बड़े-बड़े व्यापारी, नेता और अभिनेता ऐसे हैं, जिनका संबंध यूपी से है. इन संबंधों से इतर एक और संबंध है, वो है मुंबई में मौजूद अंडरवर्ल्ड और यूपी के शार्प शूटरों का. मुंबई में अगर कोई भी वारदात हो और उसमें यूपी के इन शार्प शूटरों का कनेक्शन न निकले, ऐसे हो ही नहीं सकता है.
बीते दिनों NCP नेता बाबा सिद्दीकी की हत्या में शामिल चार शूटरों में दो शूटर यूपी के रहने वाले हैं. इन दोनों का नाम धर्मराज कश्यप और शिवकुमार उर्फ शिव गौतम है. दोनों यूपी के बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव के रहने वाले हैं. इससे पहले हुए हाई प्रोफाइल मर्डर केसों की बात करें तो जेजे हॉस्पिटल शूटआउट और गुलशन कुमार शूटआउट का भी यूपी कनेक्शन निकलकर सामने आया था. दोनों की हत्या के तार खोलते-खोलते मुंबई पुलिस यूपी भी पहुंची थी.
सबसे पहले बात करते हैं फेमस म्यूजिक कंपनी ‘टी सीरीज’ के मालिक रहे गुलशन कुमार की हत्या की. 12 अगस्त 1997 को महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई के अंधेरी इलाके में जीतेश्वर महादेव मंदिर के बाहर गुलशन कुमार की हत्या कर दी गई थी. गुलशन कुमार पर 16 गोलियां चलाई गई थीं. गुलशन कुमार को मारने के लिए तीन शूटरों को हायर किया गया था. इनमें से दो शूटरों के नाम अब्दुल रऊफ मर्चेंट और अब्दुल राशिद थे. तीसरे शूटर का नाम विनोद जगताप था.
गुलशन कुमार से मांगी थी 10 करोड़ की फिरौती
गुलशन कुमार की हत्या की साजिश अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम और अनीस इब्राहिम ने दुबई में बैठकर रची थी. दाऊद इब्राहिम ने गुलशन कुमार के शूटआउट का जिम्मा अपने खास अबू सलेम को सौंपा था. कहा जाता है कि दाऊद इब्राहिम के कहने पर पहले तो अबू सलेम ने गुलशन कुमार से 10 करोड़ रुपए की फिरौती मांगी, लेकिन गुलशन कुमार ने पैसे देने से इनकार कर दिया और कहा कि इतने पैसे में तो मैं वैष्णों देवी में भंडारा करा दूं. बस यही बात अबू सलेम के दिल पर बैठ गई और उसने गुलशन कुमार को रास्ते से हटाने की सोच ली.
आजमगढ़ के देवनाथ ने बनाया था असलहा
गुलशन कुमार की हत्या करने वाले शूटर अब्दुल रऊफ मर्चेंट, अब्दुल राशिद और विनोद जगपात ने जिस असलहे का इस्तेमाल किया था, वह यूपी के आजमगढ़ जिले में बना हुआ था. आजमगढ़ के बम्हौर इलाके में कभी अवैध असलहे बनाने का कारखाना हुआ करता था. ये इलाका तमसा नदी से सटा हुआ है. कभी पुलिस की रेड भी पड़ती थी तो असलहों को सीधे तमसा नदी में बहा दिया जाता था. वहीं अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम का संबंध भी आजमगढ़ जिले हैं. उसका गांव के नाम सराय मीर है.
मुंबई पुलिस ने गुलशन कुमार की हत्या करने वाले अवैध असहले की जब जांच की तो उस पर ‘मेड इन बम्हौर’ लिखा था. मुंबई पुलिस इसकी जांच करते-करते बम्हौर में भी पहुंची थी. जांच में पता चला था कि बम्हौर के ही रहने वाले देवनाथ के बनाए असलहे से गुलशन कुमार की हत्या हुई थी.
जेजे हॉस्पिटल शूटआउट की कहानी
छोटा राजन उर्फ ‘नाना’ कभी अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम का खासमखास हुआ करता था. दरअसल, 90 के दशक में महाराष्ट्र के डॉन रहे अरुण गवली के शूटर्स शैलेंद्र हलदरकर, विपिन शेरे, विपिन बटाला और संतोष पाटिल ने दाऊद की बहन हसीना पारकर के पति इब्राहिम पारकर की गोली मारकर हत्या कर दी थी. दाऊद ने बदला लेने की जिम्मेदारी छोटा राजन को दी. छोटा राजन ने इसके लिए उत्तर प्रदेश के सुभाष ठाकुर, बृजेश सिंह और बीएन राय को चुना. इस बीच मुंबई पुलिस ने दो शूटरों शैलेंद्र हलदनकर और विपिन शेरे को एनकाउंटर में गिरफ्तार कर लिया.
एनकाउंटर में शैलेंद्र हल्दरकर और विपिन शेरे दोनों गोली लगने से घायल हो गए. दोनों को जेजे हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. हॉस्पिटल में मुंबई पुलिस की सुरक्षा काफी कड़ी थी. छोटा राजन को मालूम हुआ कि दोनों जेजे हॉस्पिटल में कड़ी सुरक्षा के बीच भर्ती हैं तो इनके शूटआउट में देरी होने लगी. चूंकि दाऊद से अपनी बहन हसीना पारकर का दुख देखा नहीं जा रहा था. वह जल्द से जल्द अपने जीजा इब्राहिम पारकर के हत्यारों को ठिकाने लगाना चाहता था. इसी बीच जब दाऊद ने छोटा राजन से फोन कर काम के बारे में पूछा तो छोटा राजन ने कहा कि भाई हॉस्पिटल में सिक्योरिटी बहुत टाइट है. हथियारों के साथ अंदर जाना बहुत मुश्किल हो रहा है.
यूपी के शूटर सुभाष ठाकुर का निकला था कनेक्शन
हालांकि कुछ समय बाद छोटा राजन और यूपी के रहने वाले सुभाष ठाकुर ने मिलकर 12 सितंबर 1992 को मुंबई के जेजे हॉस्पिटल में गवली के शूटर शैलेश हलदनकर की हत्या करवा दी. करीब 25 शूटर जेजे हॉस्पिटल में घुसे और ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर शैलेश हलदनकर को भून दिया. चूंकि विपिन शोरे दूसरे वार्ड में शिफ्ट था तो वह बच गया. अस्पताल में करीब 500 राउंड की फायरिंग में दो पुलिसकर्मी भी मारे गए. जेजे हॉस्टिपल में हुआ शूटआउट मुंबई अंडरवर्ल्ड में यूपी के शूटर्स की पहली दस्तक थी.
12 अक्टूबर 2024 को बाबा सिद्दीकी शूटआउट
हालांकि अब मुंबई में अंडरवर्ल्ड की हनक कम ही दिखाई दे रही है. देश में इस समय एक गैंग तेजी से ऊभर रहा है, जिसका नाम लॉरेंस बिश्नोई है. दो दिन पहले मुंबई एक हाई प्रोफाइल बाबा सिद्दीकी हत्याकांड हुआ. इस हत्याकांड में जिस गैंग का नाम उभरकर सामने आया है, वह लॉरेंस बिश्नोई है. हालांकि मुंबई पुलिस ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग का इसमें नाम होने की कोई पुख्ता पुष्टि नहीं की है. उसका कहना है हम इस पर भी जांच कर रहे हैं.
वहीं दूसरी तरफ बाबा सिद्दीकी को जिन चार शूटरों ने मारा, उनमें से दो यूपी के बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव के रहने वाले हैं. इनका नाम धर्मराज कश्यप और शिवकुमार उर्फ शिव गौतम है. धर्मराज कश्यप इस समय मुंबई पुलिस की हिरासत में है, जबकि शिवकुमार उर्फ शिव गौतम फरार है. मुंबई पुलिस की टीमें इसकी तलाश में जुटी हैं. वहीं दोनों का एक गांव से होना भी अंचभित कर रहा है, लेकिन एक बार फिर से किसी बड़े हाई प्रोफाइल हत्याकांड में यूपी की कनेक्शन निकला है. अब ये दोनों किस गैंग से हैं ये मुंबई पुलिस की जांच के बाद ही पता चल पाएगा.