ग्वालियर। हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में भिंड के दमोह निवासी एक व्यक्ति ने अपनी बेटी को खोजे जाने के लिए बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की थी। जिस पर सुनवाई के दौरान बुधवार को याचिकाकर्ता की बेटी स्वयं कोर्ट में पेश हुई और पूरी बात बताई।
याचिकाकर्ता ने अपनी बेटी को बहला फुसला कर ले जाने का आरोप एक व्यक्ति पर लगाया था पर याची की बेटी ने कोर्ट को बताया कि वह अपनी मर्जी से घर छोड़ कर गई थी। नाबालिग ने कहा कि उसके स्वजन उसकी शादी करवाना चाहते थे पर वह अभी नाबालिग है और पढ़ाई करना चाहती है। स्वजन जब जबरन उसकी शादी करवाने की बात करने लगे तो वह घर छोड़ कर चली गई। कोर्ट ने मामले की सुनवाई के बाद नाबालिग की सुपुर्दगी उसके माता पिता को दे दी ।
अवैध कस्टडी को लेकर कोर्ट ने प्रशासन से जवाब मांगा
- हाई कोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में दतिया निवासी निधि ने अपने पिता को पुलिस द्वारा अवैध रूप से हिरासत में रखने के मामले में बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका लगाई। जिसकी सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से पैरवी कर रहे अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि याचिकाकर्ता के पिता को प्रशासन ने सीआरपीसी की धारा 151 की कार्यवाही कर जेल भेज दिया था। जब युवती ने याचिका दायर की तो प्रशासन ने पक्ष रखते हुए बताया कि कोई जमानत दार व्यक्ति की जमानत के लिए नहीं आया था और व्यक्ति को मुचलके पर छोड़ दिया गया है।
- हालांकि इस मामले में यह भी तथ्य सामने आया है कि व्यक्ति को जेल भेजने के लिए तहसीलदार का आर्डर जारी नहीं हुआ था। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से 10 लाख रुपए के हर्जाने की मांग की गई है। जिस पर कोर्ट ने प्रशासन से जवाब मांगा है कि इस मामले में हर्जाना क्यों नहीं दिया जाए।
11 हजार दीपक निश्शुल्क वितरित किए जाएंगे
स्वामी विवेकानंद सेवा समिति दीपावली के अवसर पर इस वर्ष भी 11000 मिट्टी के दीपक निश्शुल्क वितरण किए जाएंगे। मिट्टी के दीपक प्रजापति समाज द्वारा बनाए जाते हैं। समिति के अध्यक्ष नूतन श्रीवास्तव ने बताया कि समाज को संबल प्रदान करने के लिए जन जागरण अभियान चलाया जा रहा है। प्रचार-प्रसार के माध्यम से लोगों से अनुरोध किया जा रहा है कि दीपावली पर राष्ट्र में निर्मित वस्तुओं का ही उपयोग करें।