ग्वालियर। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी में बने सिस्टमों का प्रभाव कम होने के कारण शहर का आसमान साफ हो गया। इसके चलते रात में गुलाबी सर्दी ने दस्तक दे दी है। बुधवार को न्यूनतम तापमान 18 डिग्री सेल्सियस के करीब दर्ज किया गया। शरद पूर्णिमा पर आसमान में निकला पूनम का चांद धरती पर चांदनी बिखेरने लगा, तब ठंड धीरे-धीरे डेरा जमाने लगी।
मंगलवार की देर रात और बुधवार की सुबह लोगों को ठंडक का अहसास हुआ। रात के समय आधी बांह कपड़े छोड़कर लोग पूरी आस्तीन के कपड़े पहने नजर आए। हालांकि दिन का तापमान फिर 35 डिसे को पार कर गया। दिन और रात के पारे में 17.3 डिसे का अंतर हो गया। मौसम विभाग के अनुसार अब धीरे-धीरे न्यूनतम तापमान में गिरावट होगी, जबकि दिन का तापमान फिलहाल 34 डिग्री सेल्सियस के आसपास बना रहेगा।
पिछले एक सप्ताह से आसमान में बादल छाए रहने और हवा में नमी की मात्रा बढ़ने के कारण रात का तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ था। दिन में मौसम शुष्क रहने के कारण तेज धूप खिल रही थी, लेकिन बुधवार को रात के तापमान ने गोता लगा दिया। स्थानीय मौसम विज्ञान केंद्र के अनुसार बुधवार को अधिकतम तापमान 1.5 डिग्री सेल्सियस की बढ़त के साथ 35.4 डिसे दर्ज किया गया। यह औसत से 1.0 डिसे अधिक है। वहीं न्यूनतम तापमान 3.6 डिसे की गिरावट के साथ 18.1 डिसे दर्ज किया गया। यह औसत से 1.5 डिग्री सेल्सियस कम है। मौसम विभाग के अनुसार मध्य प्रदेश सहित पूरे देश से दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी हो चुकी है।
पार्क पर्यवेक्षकों को कारण बताओ नोटिस
नगर निगम सीमा क्षेत्र में पेड़ों की कटाई एवं छंटाई का कार्य बिना पार्क अधिकारी की अनुमति के नहीं किया जाएगा, लेकिन पार्क पर्यवेक्षकों द्वारा गड़बड़ी कर अपने स्तर पर ही पेड़ों को कटवाया जा रहा है। इसको देखते हुए पार्क अधीक्षक कार्तिक पटेल ने सभी पार्क पर्यवेक्षकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है। नोटिस में उल्लेख किया गया है कि अगर कोई अवैध रूप से पेड़ों की कटाई एवं छंटाई करता पाया जाएगा, तो संबंधित पार्क पर्यवेक्षक तत्काल स्थल निरीक्षण कर पंचनामा, स्थल निरीक्षण प्रतिवेदन तत्समय पार्क कार्यालय में प्रस्तुत करना सुनिश्चित करेंगे।
जनप्रतिनिधियों एवं आम नागरिकों द्वारा मौखिक रूप से बताए जाने पर नगर निगम सीमा क्षेत्र में पेडो की कटाई-छंटाई का कार्य कराया जाता है, किंतु आपके द्वारा पेड़ों की कटाई-छंटाई का कार्य बगैर वृक्ष अधिकारी की अनुमति के ही करा दिया जाता है। इससे निगम की छवि भी धूमिल हो रही है।