भारत-कनाडा के रिश्तों में आई खटास के बीच जस्टिन ट्रूडो का कुबूलनामा सामने आया है. ट्रूडो ने मान लिया है कि उन्होंने निज्जर की हत्या से जुड़े सबूत भारत को नहीं दिए थे. ट्रूडो ने कहा कि उन्होंने निज्जर हत्याकांड से जुड़े मामले में बस खुफिया जानकारी ही भारत को सौंपी थी न कि कोई ठोस सबूत. कनाडाई पीएम ट्रूडो का ये बयान इसलिए भी अहम माना जा रहा है क्योंकि कनाडा शुरू से ही ये दावा करता रहा है कि उसने निज्जर हत्याकांड मामले के सबूत भारत को दिए थे. हालांकि, भारत कनाडा के इन दावों को नकारता रहा है.
जस्टिन ट्रूडो सरकार ने खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या को लेकर भारत पर कई बड़े आरोप लगाए थे, तभी से दोनों देशों के बीच तल्खी आ गई थी. पिछले साल दिसंबर में ट्रूडो ने भारत के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए कहा था कि खालिस्तानी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारतीय एजेंटों का भी हाथ है. वहीं भारत ने इस तरह के आरोपों को साफ तौर पर नकार दिया था.
भारतीय विदेश मंत्रालय ने दिया था जवाब
भारतीय विदेश मंत्रालय ने हाल ही में एक बयान जारी करते हुए कनाडाई सरकार पर आरोपों के सबूत शेयर न करने की बात कही थी. साथ ही भारत ने ट्रूडो पर वोट बैंक पॉलिटिक्स का भी आरोप लगाते हुए कहा था कि मांग के बावजूद कनाडा ने निज्जर की हत्या मामले में भारत के शामिल होने को लेकर कोई ठोस सबूत पेश नहीं किया गया है.
कनाडा के सांसद ने मांगा ट्रूडो का इस्तीफा
भारत और कनाडा के बीच जारी तल्खी के बीच लिबरल पार्टी ऑफ कनाडा के एक सांसद सीन केसी ने अगले चुनावों से पहले पार्टी प्रमुख के पद से प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस्तीफे की भी मांग की है. सांसद ने कहा, लोगों का मानना है कि अब बहुत हो चुका, वे उनसे ऊब चुके हैं और इस्तीफा चाहते हैं.
राजनयिकों से पूछताछ करना चाहते थे ट्रूडो
कनाडाई पीएम ने यह भी कहा कि उनकी सरकार ने इस मामले में भारतीय राजनयिकों से पूछताछ करने की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय अधिकारियों ने अपनी राजनयिक बचाव यानी इम्यूनिटी लाभ उठाते हुए सहयोग नहीं किया इस कारण, कनाडा सरकार को मजबूर होकर इन भारतीय राजनयिकों को देश से बाहर निकालने का फैसला लेना पड़ा.
सवालों के घेरे में ट्रूडो की कूटनीति
ट्रूडो पिछले करीब एक साल से खालिस्तानी निज्जर की हत्या के मामले में भारत पर आरोप लगा रहे हैं, लेकिन कनाडा सरकार और पुलिस अब तक भारत के सामने एक भी सबूत पेश नहीं कर पाई है. हालांकि, अब ट्रूडो ने भी मान लिया है कि उन्होंने भारत को कोई ठोस सबूत पेश नहीं किए है. वहीं भारत से संबंध बिगड़ने के कारण अब वो हर तरफ से घिरते नजर आ रहे हैं. एक तरफ उनकी ही पार्टी के सांसद उनको हटाने की मांग कर रहे हैं, तो वहीं कनाडाई मीडिया भी ट्रूडो सरकार की आलोचना कर रहा है.