इलाहाबाद हाईकोर्ट में मंगलवार को वाराणसी के ज्ञानवापी में वजूखाने के एएसआई सर्वे को लेकर सुनवाई होने वाली है. कोर्ट 22 अक्टूबर को दोपहर 2 बजे से वजूखाने के एएसआई सर्वे को लेकर दायर सिविल रिवीजन याचिका पर सुनवाई करेगा. 1 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान याचिकर्ता की तरफ से कोर्ट में पूरक हलफनामा दाखिल किया गया था.
श्रृंगार गौरी केस की मुख्य याचिकाकर्ता राखी सिंह की तरफ से कोर्ट में यह सिविल रिवीजन याचिका दायर की गई थी. उनकी ओर से ज्ञानवापी परिसर में स्थित वजूखाने के एएसआई सर्वेक्षण की मांग को लेकर याचिकी दाखिल की गई है. याचिका में ज्ञानवापी के पूरे परिसर के किए गए सर्वे की तरह ही सील वजूखाने का भी सर्वे कराए जाने की मांग की गई है.
दोनों पक्षों ने पूरक हलफनामा दायर कर दिया था
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में 2 साल पहले कथित शिवलिंग मिलने के बाद वजूखाने को सील कर दिया गया था. मुस्लिम पक्ष की ओर से इसे फव्वारा बताया जाता है लेकिन हिंदू पक्ष इसे शिवलिंग होने का दावा कर रहा है. हालांकि, एएसआई की ओर से सील वजूखाने को छोड़कर बाकी हिस्सों का सर्वे पूरा हो चुका है. मामले में सुनवाई जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच कर रही है.
इससे पहले की एक अक्टूबर को हिंदू पक्ष ने एक वादी लक्ष्मी देवी की साइंटिफिक सर्वे की मांग को लेकर याचिका दायर की गई थी. वहीं, 19 अक्टूबर को कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान जस्टिस रोहित रंजन ने दाखिल याचिका पर सुनवाई की. याची के वकील ने अर्जी की कॉपी दाखिल करने के लिए पूरक हलफनामा दायर किया. जिसके बाद, मुस्लिम पक्ष की तरफ से भी जवाबी हलफनामा दाखिल किया गया.
2023 में हुआ था ज्ञानवापी परिसर का ASI सर्वे
एएसआई ने पिछले साल 24 जुलाई से दो नवंबर तक जो ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वे किया था. हालांकि, उसमें शिवलिंग मिलने वाली जगह के आस पास, जहां वजूखाना स्थित है वहां सर्वे नहीं किया गया था. वहीं, मंदिर पक्ष की दलील है कि ज्ञानवापी परिसर के धार्मिक चरित्र को तय करने के लिए शिवलिंग वाली जगह वजूखाना का सर्वे जरूरी है. वहीं, अब इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट 22 अक्टूबर को सुनवाई करेगा.