प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के नागरिकों के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की है. जिनमें से एक प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना (पीएमबीजेपी) भी है. इस योजना ने एक उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. जिसके तहत अक्टूबर 2024 में 1000 करोड़ रुपए की बिक्री कर बड़ा रिकॉर्ड बनाया है. पिछले साल की तुलना में यह एक महत्वपूर्ण प्रगति है और यह लक्ष्य दिसंबर 2023 में पूरा किया गया था.
प्रधानमंत्री भारतीय जन औषधि योजना की यह उपलब्धि सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाओं पर लोगों के बढ़ते भरोसे और निर्भरता को दर्शाती है. पिछले 10 साल में जन औषधि केंद्रों की संख्या में 170 गुना से ज्यादा की वृद्धि हुई है, जो अब 14,000 से अधिक हो गई है. जन औषधि योजना के केंद्र देश के लगभग सभी जिलों में फैले हुए हैं, जिससे लोगों को काफी आसानी हो गई है. इन केंद्रों से लोगों को आसानी से सस्ती और गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिल जाती हैं.
स्वास्थ्य सेवा हुई किफायती
इस योजना से स्वास्थ्य सेवा को सुलभ और किफायती बनाया गया है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका फायदा मिल सके. रिकॉर्ड तोड़ बिक्री न सिर्फ इस योजना की सफलता को उजागर करती है, बल्कि यह देश में स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है.
इस परियोजना की उपलब्धियों में शामिल हैं.
- सस्ती दवाएं- जन औषधि केंद्रों पर दवाएं बाजार मूल्य से 50% से 90% तक सस्ती होती हैं. जिससे लोगों का खर्चा कम होता है. कम कीमत पर उन्हें दवाइयां मिल जाती हैं.
- गुणवत्तापूर्ण दवाएं- यहां मिलने वाली सभी दवाएं फार्माकोपियल मानकों के अनुसार होती हैं.
- व्यापक कवरेज- देश के लगभग सभी जिलों में जन औषधि केंद्र हैं, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों को इसका लाभ मिलता है.
14,000 से ज्यादा केंद्र
केंद्र सरकार की यह परियोजना स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ और सस्ता बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है. यह केंद्र 2014 में सिर्फ 80 थे वहीं अब बढ़कर 14,000 से ज्यादा हो गए हैं, जो करीब देश के हर जिले को कवर करते हैं. वहीं आने वाले दो सालों में देश में 25,000 जन औषधि केंद्र होंगे. यह योजना समुदायों को सशक्त बना रही है साथ ही यह सुनिश्चित कर रही है कि गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा देश के हर नागरिक तक पहुंच सके.