बहराइच हिंसा के आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर कार्रवाई पर सुप्रीम कोर्ट ने कल यानी बुधवार तक के लिए रोक लगा दी है. आज (मंगलवार) मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने यूपी सरकार से कहा कि हम मामले की सुनवाई कल करेंगे. तब तक कोई बुलडोजर कार्रवाई नहीं करें. जस्टिस गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने ये आदेश दिया है.
आरोपियों की संपत्तियों पर बुलडोजर एक्शन के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी. याचिकाकर्ताओं के वकील सीयू सिंह ने कहा कि 13 अक्टूबर को बहराइच में एक घटना हुई. एक मौत का मामला है. यह उन 3 लोगों का आवेदन है जिन्हें विध्वंस नोटिस प्राप्त हुआ है, जवाब देने के लिए 3 दिन का समय दिया गया है.
कोर्ट ने क्या-क्या कहा?
वकील सीयू सिंह ने कहा कि आवेदक नंबर 1 के पिता और भाइयों ने आत्मसमर्पण कर दिया. कथित तौर पर नोटिस 17 अक्टूबर को जारी किया गया, लेकिन 18 तारीख की शाम को चिपकाया गया. हमने रविवार को सुनवाई की मांग की, लेकिन ऐसा नहीं हुआ. कुछ ने हाई कोर्ट से संपर्क किया है. जस्टिस गवई ने कहा कि किसके तहत उल्लंघन हुआ है?
एएसजी केएम नटराज ने कहा कि हाई कोर्ट को मामले की जानकारी है. जस्टिस गवई ने कहा कि यदि वे (यूपी अधिकारी) हमारे आदेश का उल्लंघन करने का जोखिम उठाना चाहते हैं, तो यह उनकी च्वाइस है. जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि हाई कोर्ट ने 15 दिन का समय दिया गया है. एक तरह से रोक है. याचिकाकर्ताओं के वकील सिंह ने कहा कि हालांकि कोई सुरक्षा नहीं मिली है.
जस्टिस गवई ने कहा कि यदि आपका निर्माण सड़क पर है, तो हम कैसे कोई आदेश दे सकते हैं. वकील सिंह ने कहा माई लॉर्ड्स हमारी रक्षा करें. जस्टीस गवई ने एएसजी से कहा कि कल तक अपनी कार्रवाई पर रोक लगाएं.
इलाहाबाद हाई कोर्ट से भी मिल चुकी है राहत
हिंसा की घटना के बाद कथित अवैध निर्माण को लेकर लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) ने 23 प्रतिष्ठानों को नोटिस जारी किए जिनमें से 20 मुस्लिमों के हैं. ये नोटिस रोड साइड भूमि नियंत्रण अधिनियम, 1964 के तहत जारी किए गए हैं.
इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ ने इन लोगों को बड़ी राहत देते हुए जवाब दाखिल करने के लिए 15 दिन का समय बढ़ा दिया और राज्य के अधिकारियों को उनके जवाबों पर विचार करने और तर्कसंगत आदेश पारित करने का निर्देश दिया. पीठ ने मामले की अगली सुनवाई की तारीख 23 अक्टूबर तय की है.
बहराइच हिंसा में 22 वर्षीय राम गोपाल मिश्रा की गोली लगने से मौत हो गई थी. इस घटना के बाद सांप्रदायिक हिंसा भड़क गई थी. आगजनी और तोड़फोड़ की घटना के बाद इलाके में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया और चार दिन के लिए इंटरनेट बंद रहा.