भारत-चीन के बीच LAC पर पैट्रोलिंग एग्रीमेंट के बाद सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का पहला बयान सामने आया है. आर्मी चीफ ने कहा कि हम विश्वास का पुनर्निर्माण करने की कोशिश कर रहे हैं. सेना प्रमुख के मुताबिक, सीमा पर अभी दोनों देशों के बीच भरोसा बहाल करना जरूरी है और हम इसी की कोशिश कर रहे हैं. वहीं, चीन ने सैन्य गतिरोध समाप्त करने के लिए भारत के साथ समझौता होने की पुष्टि की है.
चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन जियान ने कहा, भारत और चीन दोनों देशों की सीमा से संबंधित मुद्दों पर राजनयिक और सैन्य माध्यमों के जरिए निकट संपर्क में रहे हैं. अब दोनों पक्ष एक समाधान पर पहुंच गए हैं जिसकी चीन बहुत सराहना करता है. जियान ने कहा कि चीन इन प्रस्तावों को लागू करने के लिए भारत के साथ मिलकर काम करेगा.
भारत ने घोषणा की थी कि दोनों पक्ष पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर गश्त के लिए एक समझौते पर सहमत हुए हैं. इस समझौते को पूर्वी लद्दाख में चार वर्ष से अधिक समय से जारी सैन्य गतिरोध के समाधान की दिशा में एक बड़ी सफलता के रूप में देखा जा रहा है. 15 जून, 2020 को गलवान घाटी में हुई झड़प के बाद भारत और चीन के बीच संबंध निचले स्तर पर पहुंच गए थे. यह झड़प पिछले कुछ दशकों में दोनों पक्षों के बीच हुई सबसे भीषण सैन्य झड़प थी.
सेना प्रमुख ने क्या कहा?
वहीं, भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा, हम अप्रैल 2020 की यथास्थिति पर वापस जाना चाहते हैं. इसके बाद हम एलएसी पर सैनिकों की वापसी, तनाव कम करने और सामान्य प्रबंधन पर ध्यान देंगे. अप्रैल 2020 से हमारा यही रुख रहा है. अब तक हम भरोसा बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं. ऐसा तब होगा जब हम एक-दूसरे को समझाने और आश्वस्त करने में सक्षम होंगे कि हम बनाए गए बफर जोन में नहीं घुस रहे हैं.