युवा आईपीएस अफसर संपत उपाध्याय को जबलपुर जिले की कमान, अपराध खात्मे की बड़ी चुनौती से होगा सीधे सामना
जबलपुर। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त करने वाले युवा विद्वान आईपीएस अफसर संपत उपाध्याय को जबलपुर जिले की कानून व्यवस्था को संभालने की कमान सौंप दी गई है। मां गंगा के किनारे अपना बचपन व्यतीत करने के बाद संपत उपाध्याय ने मां गंगा के आशीर्वाद से ही भारत की सर्वश्रेष्ठ यूनिवर्सिटी में शामिल बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से स्नातक और उसके बाद अर्थशास्त्र में परास्नातक की डिग्री प्राप्त की। और जी तोड़ मेहनत करने के बाद 2013 में यूपीएससी की परीक्षा पास करके आईपीएस बने। संपत उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के रहने वाले हैं जो कि बनारस से बेहद नजदीक है। संपत उपाध्याय की वर्किंग स्टाइल को देखते हुए मध्य प्रदेश की मोहन सरकार ने उन्हें नर्मदा खंड के जबलपुर जिले की कमान सौंपी है। अब वे मां नर्मदा का आशीर्वाद प्राप्त करके जबलपुर संस्कारधानी की कानून व्यवस्था को संभालेंगे।
महानगरों में दे चुके हैं अपनी सेवाएं
संपत उपाध्याय 2013 बैच के आईपीएस अफसर हैं और उन्हें जो भी दायित्व मिला उसका उन्होंने बखूबी पालन किया। संपत उपाध्याय ने भोपाल में एसपी (दक्षिण ) का दायित्व संभाला तो इंदौर जिले में कमिश्नर सिस्टम में डीसीपी का रोल भी निभाया। स्वतंत्र जिले की बात की जाए तो उन्हें सबसे पहला जिला श्योपुर मिला, उसके बाद उन्हें देवास जिले की कमान सौंप दी गई और अब उनकी कार्यक्षमता को देखते हुए जबलपुर जैसे बड़े जिले की जिम्मेदारी दी गई है।
आईपीएस संपत उपाध्याय जनता के बीच काफी लोकप्रिय
आईपीएस संपत उपाध्याय जल्द जबलपुर जिले में अपनी आमद दे सकते हैं । संपत उपाध्याय के बारे में पब्लिक रिव्यू पंजाब केसरी ने लिया और उनकी वर्किंग स्टाइल के बारे में जब जानकारी हासिल की तो जहां-जहां उन्होंने अपनी सेवाएं दी हैं वहां से उनके प्रति जनता ने बेहद सकारात्मक जवाब दिए। जनता का मानना है कि संपत उपाध्याय पब्लिक की समस्याओं को हल करने में प्राथमिकता देते हैं। अपराधियों के खिलाफ वे बेहद कड़े हैं ।जनता की समस्याओं के हल लिए वे 24 घंटे उपलब्ध रहते हैं। संपत उपाध्याय का यही मूल मंत्र है कि जनता की किसी प्रकार की समस्या का हल निकालने के लिए पुलिस को सबसे आगे आना चाहिए। पुलिस का व्यवहार जनता के प्रति सदैव अच्छा होना चाहिए ।यही वे अपने अधीनस्थ स्टाफ को भी सीख दे कर रखते हैं। जबलपुर जिले में लगातार अपराध का ग्राफ बढ़ा है ऐसे में जबलपुर जिला संपत उपाध्याय के लिए किसी भी चुनौती से कम नहीं होगा। लेकिन संपत उपाध्याय से उम्मीद की जा रही है कि वे जबलपुर की कानून व्यवस्था को बेहतर तरीके से संभाल लेंगे।