उज्जैन। ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में राजाधिराज भगवान महाकाल को अर्पित चिरौंजी प्रसाद अब भक्तों में वितरित होगा। मंदिर प्रशासक व समिति सदस्य के प्रयास से मंदिर के पुजारी, पुरोहित आगे आए हैं और उन्होंने भगवान को अर्पित किए गए प्रसाद को वितरित करने का निर्णय लिया है।
महाकाल मंदिर में प्रतिदिन देश-विदेश से हजारों भक्त भगवान महाकाल के दर्शन करने मंदिर पहुंचते हैं। श्रद्धालु मंदिर के बाहर स्थित फूल प्रसाद की दुकान से भगवान को चढ़ाने के लिए फूल तथा प्रसाद खरीदते हैं। दुकानदार फूल प्रसाद की डलिया में चिरौंजी प्रसाद के दो पैकेट रखते हैं।
दर्शनार्थियों को बताया जाता है कि एक पैकेट भगवान को अर्पण होगा तथा दूसरा आपको मिलेगा। इस व्यवस्था से मंदिर में प्रसाद प्रतिदिन सैकड़ों पैकेट एकत्र हो जाते हैं। अब तक ये पैकेट पाट पर बैठने वाले पुजारी अपने पास रखते थे, लेकिन अब मंदिर प्रशासक गणेश धाकड़ व समिति सदस्य राजेंद्र शर्मा गुरुजी के प्रयास से पुजारी, पुरोहितों ने प्रसाद को भक्तों में बांटने का निर्णय लिया है।
सभी का मानना है कि इस प्रसाद की सबसे ज्यादा उपयोगिता इसी में है कि इसे भक्तों में बांट दिया जाए।
फिर से शुरू होगा तिलक प्रसाद काउंटर
- महाकाल मंदिर में कुछ सालों पहले तक भक्तों को नि:शुल्क प्रसाद वितरण की सुविधा थी। नंदी मंडपम् के रैंप पर तिलक प्रसाद काउंटर लगा होता था।
- भक्तों को नि:शुल्क भस्म भी वितरित की जाती थी। बाद में काउंटर को बंद कर दिया गया। मंदिर प्रशासन अब फिर से यह काउंटर शुरू करने की तैयारी कर रहा है।
- इस बार निर्गम द्वार के समीप काउंटर स्थापित किया जाएगा। यहां से भक्तों को पहले तिलक लगाएंगे, फिर नि:शुल्क चिरौंजी प्रसाद देंगे।
गंडे-ताबीज बेचने पर लगेगा प्रतिबंध
महाकाल मंदिर व जूना महाकाल परिसर में 40 से अधिक मंदिर स्थित हैं। इनमें से अधिकांश मंदिरों में गंडे-ताबीज तथा भस्म बेची जा रही है। इसके अलावा कुछ बड़े मंदिरों में पंडित भक्तों को कलावा बांध रहे हैं। इसके बदले भक्तों से मोटी दक्षिणा मिल रही है।
मंदिर प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि गंडे ताबीज व भस्म बेचने से मंदिर की छवि का अल्पीकरण हो रहा है। जल्द ही ऐसे लोगों के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी। सूत्र बताते हैं जिन मंदिरों में इस प्रकार की गतिविधियां संचालित हो रही हैं, जल्द ही उनकी सूची तैयार की जा रही है।