केरल के तिरुवनन्तपुरम में पद्मनाभ स्वामी मंदिर है. यह मंदिर सालों से श्रद्धालुओं के लिए आस्था का केंद्र बना हुआ है. अब जीएसटी विभाग ने मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजकर 1.57 करोड़ रुपये के बकाया जीएसटी भुगतान की मांग की है. नोटिस में इस बात का जिक्र है कि मंदिर पर सात साल से जीएसटी बकाया है.
विभाग की ओर से भेजे गए नोटिस के मुताबिक, मंदिर को कई तरीके से आय होती है. इनमें भक्तों की ओर से चढ़ाये गए कपड़े भी शामिल हैं, जिनसे मंदिर प्रबंधन को काफी आय होती है. इसके अलावा मूर्तियों की बिक्री से होने वाली आय भी शामिल है. साथ ही यहां आने वाले श्रद्धालु हाथियों को किराए पर लेते हैं, जिससे मंदिर को आमदनी होती है.
सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया
अधिकारियों के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने सात साल से जीएसटी का भुगतान नहीं किया है. इसके बाद मंदिर प्रबंधन को नोटिस भेजा गया है. वहीं, इस मामले पर मंदिर के अधिकारियों ने स्पष्टीकरण दिया है. उनका कहना है कि मंदिर को टैक्स में कई तरीके की छूटें हैं. इस अवधि के दौरान टैक्स योग्य आय केवल 16 लाख रुपये ही है, जिनमें से तीन लाख रुपये चुकाए जा चुके हैं. विभाग के मुताबिक, मंदिर प्रबंधन ने बकाया टैक्स 2017 से जमा नहीं किया है. राशि का भुगतान नहीं करने पर जुर्माना लगेगा. जुर्माना नहीं देने पर 18 प्रतिशत ब्याज का भी लगेगा.
पद्मनाभस्वामी मंदिर तिरुअनन्तपुरम में स्थित है. यहां भगवान विष्णु की पूजा होती है. 1733 ई. में इस मंदिर का पुनर्निर्माण कराया गया. त्रावनकोर के महाराजा मार्तड वर्मा ने इस मंदिर का जीर्णोद्धार कराया था. यहां मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की प्राचीन मूर्ति है, जोकि श्रद्धालुओं के लिए सालों से आस्था का केंद्र बना हुई है. इस मंदिर में भगवान विष्ण की मूर्ति शयन मुद्रा में विराजमान है. भगवान विष्णु की विश्राम करने की अवस्था को ‘पद्मनाभ’ कहा जाता है, यहीं वजह है इस मंदिर को पद्मनाभस्वामी मंदिर कहा जाता है.