टाटा फैमिली के नियम में बड़ा बदलाव हुआ है. रतन टाटा के सौतेले भाई नोएल टाटा को टाटा ग्रुप की होल्डिंग कंपनी टाटा संस के बोर्ड में शामिल किया गया है. टाटा फैमिली के नियम के मुताबिक, नोएल टाटा, टाटा संस के बोर्ड में शामिल नहीं हो सकते थे. ऐसा इसलिए क्योंकि, साल 2022 में रतन टाटा के नेतृत्व में टाटा समूह ने एक नियम बनाया था जिसके मुताबिक, टाटा ट्रस्ट और टाटा संस के चेयरमैन एक ही व्यक्ति नहीं हो सकते. लेकिन नोएल टाटा के लिए ये नियम बदल गया और पहली बार एक ही व्यक्ति को टाटा ट्रस्ट और टाटा संस में जगह मिली है.
दरअसल, इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक नोएल टाटा की टाटा संस में नियुक्ति टाटा ट्रस्ट्स के नामित सदस्य के रूप में हुई है. दिवाली से पहले हुई टाटा संस की एक वर्चुअल मीटिंग में इस आशय का एक ऑनलाइन प्रस्ताव पारित किया गया. ऐसे में 2011 के बाद यानी 13 साल में पहली बार ऐसा हुआ है जब टाटा परिवार का कोई सदस्य टाटा ट्रस्ट और टाटा संस दोनों के बोर्ड में शामिल होगा. टाटा ट्रस्ट्स के पास टाटा संस में 66% हिस्सेदारी है.
क्या काम करेंगे नोएल टाटा
नोएल टाटा के शामिल होने के साथ अब टाटा संस बोर्ड में टीवीएस के मानद चेयरमैन वेणु श्रीनिवासन और रक्षा मंत्रालय के पूर्व नौकरशाह विजय सिंह के साथ टाटा ट्रस्ट के तीन नामित निदेशक हो गए हैं. नोएल टाटा, सिंह, श्रीनिवासन और मेहली मिस्त्री वर्तमान में टाटा ट्रस्ट को संचालित करने वाली कार्यकारी समिति का गठन करते हैं. हालांकि, टाटा संस ने इस मामले में अभी तक कोई कोई टिप्पणी नहीं की.
टाटा संस के आर्टिकल्स ऑफ एसोसिएशन (एओए) के अनुसार, ट्रस्ट बोर्ड के एक-तिहाई निदेशकों को नामित कर सकते हैं. वर्तमान में, टाटा संस बोर्ड में नौ निदेशक शामिल हैं – अध्यक्ष एन चंद्रशेखरन सहित दो कार्यकारी निदेशक, नोएल टाटा, श्रीनिवासन और सिंह सहित तीन गैर-कार्यकारी निदेशक और चार स्वतंत्र निदेशक.
चंद्रशेखरन से मिले नोएल टाटा
सूत्रों के अनुसार, नोएल टाटा ने अपनी नियुक्ति के बाद चंद्रशेखरन से मुलाकात की जिससे दोनों के बीच “स्वस्थ कामकाजी रिश्ते” की नींव बनी रहे. नोएल टाटा वर्तमान में टाटा इन्वेस्टमेंट कॉर्प, ट्रेंट और वोल्टास के गैर-कार्यकारी निदेशक और अध्यक्ष के रूप में कार्यरत हैं, जबकि टाइटन और टाटा स्टील में उपाध्यक्ष और गैर-कार्यकारी निदेशक का पद भी संभाल रहे हैं.
इन कंपनियों में छोड़ी भूमिकाएं
67 वर्षीय नोएल टाटा ने 65 साल की उम्र में समूह की कंपनियों में अपना एग्जीक्यूटिव रोल छोड़ दिया था. ग्रुप के नियम के मुताबिक अधिकारियों को 70 वर्ष की आयु में सभी बोर्ड पद छोड़ने की भी आवश्यकता होती है. हालांकि, ट्रस्टी या अध्यक्ष के लिए कोई सेवानिवृत्ति की आयु नहीं है. समूह के करीबी विशेषज्ञों के मुताबिक, नोएल टाटा पर समूह कंपनियों की अध्यक्षता जारी रखने पर कोई कानूनी या संविदात्मक प्रतिबंध नहीं है क्योंकि यह एक गैर-कार्यकारी भूमिका है.
नोएल टाटा अप्रैल 2014 में एफएच कवराना के बाद समूह के रिटेल वेंचर ट्रेंट के अध्यक्ष बने. उनके नेतृत्व में, रिटेल सेक्टर का राजस्व 430% बढ़ गया, जो वित्त वर्ष 2014 में 2,333 करोड़ रुपये से बढ़कर वित्त वर्ष 2014 में 12,375 करोड़ रुपये हो गया, जो 19 करोड़ रुपये के घाटे से बढ़कर 1,477 करोड़ रुपये के लाभ पर पहुंच गया.