भोपाल। झीलों की नगरी और चारों तरफ से हरियाली से घिरी राजधानी भोपाल की हवा भी प्रदूषित हो चुकी है। यहां के लोग भी 19 दिनों से जहरीली हो चुकी हवा में सांस लेने को विवश हैं। नवंबर यह सातवीं बार है, जब भोपाल का एक्यूआई 300 के पार हुआ है।
नवंबर में कब-कब 300 पार हुआ एक्यूआई
दिनांक | एक्यूआई |
1 नवंबर | 306 |
6 नवंबर | 301 |
7 नवंबर | 318 |
8 नवंबर | 323 |
9 नवंबर | 310 |
13 नवंबर | 367 |
19 नवंबर | 315 |
वायु प्रदूषण के ये हैं प्रमुख कारण
निर्माणकर्ताओं की मनमानी पर अंकुश नहीं
- निर्माण स्थल पर उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए ग्रीन नेट का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा। इसका इस्तेमाल किया जाएगा तो धूल कम उड़ेगी।
- ठोस कचरे का व्यवस्थापन नहीं हो रहा। यदि कचरे का व्यवस्थापन सही तरीके से होगा तो कचरा जलाने की नौबत नहीं आएगी।
- निर्माण कार्य के उपयोग में आने सामग्री (रेत, सीमेंट) को खुले में रखी जा रही है, जबकि इसे बंद स्थान पर रखना चाहिए।
- गाड़ियों में पीयूसी चेक के नाम पर खानापूर्ति हो रही है। बिना चेक किए ही सर्टिफिकेट दिया जा रहा है। इसकी सही तरीके से चेकिंग होनी चाहिए।
- रेस्टोरेंट में खुले में चल रहे तंदूर और पेड़ों की कटाई लगातार चल रही है। इस पर तुरंत रोक लगनी चाहिए।