कांटे की टक्कर के बावजूद बुधनी में बची रही शिवराज की प्रतिष्ठा, पढ़िए उपचुनाव के दौरान कैसे बदले समीकरण
भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के त्यागपत्र देने से रिक्त हुई सीहोर जिले की बुधनी विधानसभा सीट पर उपचुनाव में कांटे की टक्कर रही। हालांकि इसमें शिवराज सिंह चौहान की प्रतिष्ठा कायम रही। भाजपा ने उनके विश्वासपात्र और विदिशा से पूर्व सांसद रमाकांत भार्गव को प्रत्याशी बनाया था। स्थानीय स्तर पर उनका कुछ विरोध भी हुआ।
झारखंड के विधानसभा चुनाव में प्रभारी के रूप में व्यस्त रहने के बावजूद शिवराज सिंह ने समय निकालकर यहां प्रचार किया और समीकरण साधे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी यहां पर सभाएं कीं। यही कारण है कि भाजपा यहां चुनाव जीतने में सफल रही।
शिवराज का गढ़ रही है सीट
कार्तिकेय भी जुटे रहे प्रचार में
इसलिए घट गया जीत का अंतर
- कांग्रेस ने यहां प्रत्याशी परिवर्तन के प्रयोग को दोहराने के स्थान पर अनुभवी और पूर्व विधायक राजकुमार पटेल पर दांव लगाया।
- राजकुमार पटेल किरार समाज से आते हैं, जिसका प्रतिनिधित्व शिवराज सिंह करते हैं और प्रत्येक चुनाव में उन्हें एकतरफा समर्थन भी मिला।
- इस बार किरार समाज का वोट बंट गया और इसका लाभ राजकुमार पटेल को मिला।
- बुधनी क्षेत्र में पटेल के परिवार की प्रतिष्ठा है। उनके भाई देवकुमार पटेल भी यहां से विधायक रह चुके हैं।
- राजकुमार पटेल की भाभी विभा पटेल भोपाल की महापौर रहीं और गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से पार्टी ने उन्हें चुनाव भी लड़ाया था।
- वर्तमान में वह मध्य प्रदेश महिला कांग्रेस की अध्यक्ष हैं।
कांग्रेस प्रत्याशी ने दी कड़ी टक्कर
शिवराज को मिलता रहा है भरपूर समर्थन