झारखंड में जिस पार्टी का एक विधायक चुनाव जीता है उसने नतीजे के एक दिन बाद ही इस्तीफे की बात कही है. जी हां, झारखंड में ऑल झारखण्ड स्टूडेंट्स यूनियन (आजसू पार्टी) ने बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. मगर उसे करारी हार मिली. पार्टी को सिर्फ एक सीट पर जीत मिली जबकि उसने बीजेपी के साथ गठबंधन में 10 सीटों पर चुनाव लड़ा था. सबसे खास बात तो ये कि पार्टी का अध्यक्ष ही चुनाव हार गया. सिल्ली से आजसू प्रमुख सुदेश महतो को हार का सामना करना पड़ा.
सुदेश महतो के लिए छोड़ दूंगा सीट- निर्मल महतो
अपने अध्यक्ष के हार से निराश निर्मल महतो ने रिजाइन देने की बात कही है. उन्होंने कहा कि मैं अपनी जीत के लिए मांडू विधानसभा के सभी लोगों को धन्यवाद देता हूं लेकिन मैं अपनी इच्छा सुदेश महतो जी के लिए यह सीट छोड़ने के लिए तैयार हूं. उनसे मिलकर हम जल्दी इस सीट से इस्तीफा देंगे. हम तमाम कार्यकर्ता से आग्रह करेंगे कि चुनाव की तैयारी करें और सुदेश महतो को विधायक बनाकर विधानसभा भेजें. निर्मल महतो ने कहा कि निचले स्तर की समस्या को सुदेश महतो जिस तरह से उठाते हैं, वो कोई नहीं उठाता.
सुदेश महतो हमारे नेता हैं और रहेंगे- निर्मल
निर्मल महतो ने कहा कि जीतना और हारना अलग बात है. सही बात तो उठाने वाला नेता चाहिए. हमारे नेता सुदेश महतो हैं, थे और जीवन भर रहेंगे. सुदेश महतो से बड़ा नेता झारखंड में पैदा नहीं हुआ है और न होगा. मांडू विधानसभा सीट पर निर्मल महतो ने कांग्रेस के जयप्रकाश पटेल को सिर्फ 231 वोट से हराया. वहीं, आजसू चीफ सुदेश महतो सिली सीट से चुनाव हार गए. झामुमो के अमित कुमार ने उन्हें 23867 वोट से हराया. कुमार को 73169 वोट मिले जबकि महतो 49302 वोट पाकर दूसरे स्थान पर रहे.
झारखंड में हेमंत सोरेन ने रचा इतिहास
झारखंड विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की पार्टी झामुमो ने 34 सीटों पर जीत हासिल की. वहीं कांग्रेस ने 16, आरजेडी ने चार, सीपीआई एम ने दो सीटों पर जीत दर्ज की है. इसके अलावा बीजेपी ने 21, आजसू ने एक, एलजेपी रामविलास ने एक, झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा ने एक, जनता दल यूनाइटेड ने एक सीट पर जीत हासिल की.