IT रेड में BJP नेताओं की करोड़ों की संपत्ति का पर्दाफाश, कांग्रेस बोली- जैसे अंग्रेजों ने देश को लूटा था, वैसे ही भाजपा ने प्रदेश को लूट लिया
सागर: मध्य प्रदेश के सागर जिले की बंडा से भाजपा के पूर्व पार्षद राजेश केशरवानी और पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के यहां आयकर विभाग की छापेमारी में करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। पूर्व विधायक के यहां 150 करोड़ से अधिक की टैक्स चोरी पकड़ी गई है। सूत्रों की मानें तो पूरा मामला मनी लॉड्रिंग, कंस्ट्रक्शन, शराब और बीड़ी कारोबार और टैक्स चोरी से जुड़ा हुआ है। इनकम टैक्स विभाग ने तीन दिन की कार्रवाई में इस धनकुबेर का पर्दाफाश किया है। भाजपा के पूर्व विधायक के करोड़ों की कमाई निकलने के बाद पार्टी में हंड़कंप मचा हुआ है, वहीं मध्य प्रदेश कांग्रेस ने सरकार को भाजपा पर निशाना साधा है।
मध्य प्रदेश कांग्रेस ने एक्स पर पोस्ट करते हुए लिखा- भाजपा के पूर्व विधायक के घर से 14 किलो सोना और करोड़ों की नगदी, पूर्व पार्षद सहित संपत्ति 200 करोड़ पार !! जिस तरह अंग्रेजों ने देश को लूटा था, ठीक वैसे ही भाजपा ने प्रदेश को लूट लिया है! इसके भ्रष्ट जनप्रतिनिधियों ने अपनी तिजोरियां भरकर प्रदेश को कंगाल कर दिया है!
सागर में तीन से जारी है भाजपा नेताओं पर कार्रवाई
रविवार तड़के इनकम टैक्स विभाग के अधिकारी 50 से अधिक गाड़ियों में सवार होकर सागर के सदर स्थित भाजपा के पूर्व विधायक हरवंश सिंह राठौर के बंगले पर छापेमारी की थी। उनके भाई कुलदीप सिंह राठौर बड़े शराब करोबारी हैं और साथ रहते हैं। दूसरी टीम ने जवाहर गंज वार्ड स्थित भाजपा के पूर्व पार्षद व कारोबारी राजेश केशरवानी और उनके साथी राकेश छावड़ा के घर पर छापेमारी की थी। तीन दिन तक चली इस कार्रवाई के बाद आईटी विभाग ने बड़ी टैक्स चोरी और बेनामी संपत्ति का खुलासा किया है। छापेमारी के दौरान राठौर के घर से 14 किलो सोना और 3.8 करोड़ नकदी मिली हैं।
बताया जा रहा है कि राठौर परिवार एक बड़ा बीड़ी कारोबारी और राजनीति में प्रभावशाली परिवार रहा है। हरवंश सिंह की राजेश केशरवानी के साथ कंस्ट्रक्शन के पार्टनर है, जिस कारण आईटी विभाग पूर्व पार्षद व बीड़ी कारोबारी राजेश केशरवानी के जहां भी छापेमारी की। इस दौरान अधिकारियों को 140 करोड़ से अधिक के नकद लेनदेन, 7 बेनामी लग्जरी कारें और करीब 4.7 किलो सोना मिला हैं। सूत्रों के मुताबिक, सोने और ज्यूलरी के दस्तावेज मिले हैं इसलिए सोना सीज नहीं किया गया। राजेश केशरवानी के यहां से जो फॉर्च्यूनर कार मिली है वह राकेश छावड़ा के नाम पर खरीदी गई थी, इसलिए एलआईसी एजेंट राकेश छावड़ा के यहां भी छापेमारे की गई थी। हालांकि यहां से कुछ खास नहीं मिला।