झारखंड में एक तरफ जहां ठंड के कारण सरकार ने सभी सरकारी और निजी स्कूलों को 7 से 13 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया था, वहीं दूसरी ओर रामगढ़ जिले में इस आदेश की धज्जियां उड़ाते हुए स्कूल खुले रहे. बुधवार की सुबह इसका दर्दनाक परिणाम सामने आया. एक भीषण सड़क हादसे में 3 मासूम बच्चों समेत कुल 4 लोगों की जान चली गई. अगर स्कूल ने सरकार के आदेश का पालन किया होता तो इन बच्चों की जान बच जाती.
हादसा रामगढ़ जिले के गोला तिरला मोड़ पर बुधवार सुबह हुआ. जानकारी के अनुसार, एक आलू लोडेड ट्रक ने स्कूली बच्चों से भरे एक ऑटो को टक्कर मार दी. इस हादसे में 3 बच्चों और ऑटो चालक की मौके पर ही मौत हो गई. इसके अलावा, 11 अन्य बच्चे गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भेजा गया. हादसे के बाद घटनास्थल पर चीख-पुकार मच गई, और मृतकों के परिवार वाले दहाड़ें मारकर रोने लगे.
कौन जिम्मेदार?
मृतक बच्चे गुडविल मिशन स्कूल के छात्र थे और स्कूल जा रहे थे, जब यह हादसा हुआ. यह दुखद घटना झारखंड सरकार के आदेश के बावजूद स्कूलों का संचालन करने की लापरवाही को उजागर करती है. सरकार ने स्पष्ट निर्देश दिए थे कि 7 जनवरी से 13 जनवरी तक कक्षा 1 से 8 तक के स्कूल बंद रहेंगे, लेकिन रामगढ़ के स्कूलों ने इस आदेश की अनदेखी की.
हादसे के बाद, मौके पर भारी भीड़ जमा हो गई और स्थानीय ग्रामीणों ने रामगढ़-बोकारो मार्ग को जाम कर दिया. पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और सड़क को फिर से खोलने का प्रयास किया. रामगढ़ की विधायक ममता देवी भी घटनास्थल पर पहुंची और प्रशासन से घटना की जांच की मांग की.
सरकारी आदेशों की अवहेलना पर सवाल
सरकार के आदेश के बावजूद स्कूलों का खुलना एक गंभीर मुद्दा बन चुका है. ठंड के मौसम में बच्चों की सुरक्षा बेहद अहम होती है, लेकिन प्रशासन और स्कूल प्रशासन की लापरवाही ने कई सवाल खड़े किए हैं. जब सरकारी आदेश बच्चों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया था, तो स्कूलों को इसे क्यों नजरअंदाज किया? क्या इस लापरवाही के लिए स्कूल प्रशासन जिम्मेदार है या फिर जिला प्रशासन ने आदेशों को सही तरीके से लागू नहीं किया?
घटना के बाद, रामगढ़ जिले के अधिकारियों ने हादसे की जांच शुरू कर दी है. स्थानीय लोगों और परिवारों ने सरकार और प्रशासन पर दबाव डालते हुए सख्त कार्रवाई की मांग की है.