असम की महिलाओं में तांत्रिक शक्तियों का दावा करने वाले एक यूट्यूबर को ऐसी टिप्पणी करना भारी पड़ा. सोशल मीडिया पर असम के इतिहास और परंपराओं पर गलत सूचना फैलाने के कारण वह मुख्यमंत्री कार्यालय से लेकर डीजीपी तक सभी के रडार पर था. शनिवार को यूट्यूबर ने अपनी कथित टिप्पणी के लिए माफी मांगी. साथ ही आश्वासन दिया कि वह आगे किसी भी जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले उसकी पुष्टि करेगा.
टिप्पणी पर असम सरकार ने नाराजगी जताई
पॉडकास्ट में अभिषेक कर द्वारा की गई टिप्पणी पर असम सरकार ने नाराजगी जताई थी. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने शुक्रवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में लिखा, “रिया उप्रेती नाम के यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो सामने आया है, जिसमें अभिषेक कर नाम का व्यक्ति असम के इतिहास और परंपराओं पर अस्वीकार्य टिप्पणी करता हुआ दिखाई दे रहा है. गलत सूचना फैलाने के लिए उक्त व्यक्ति के खिलाफ उचित कार्रवाई की जा सकती है.”
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए पुलिस महानिदेशक जीपी सिंह ने कहा कि यूट्यूबर के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (सीआईडी) मुन्ना प्रसाद गुप्ता ने शनिवार को कहा कि आरोपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली गई है. गुप्ता ने कहा, “उसने आपत्तिजनक टिप्पणी की है और हमने जांच की प्रक्रिया शुरू कर दी है.” वहीं, यूट्यूबर ने माफी मांगते हुए दावा किया कि उसका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था.
‘महिलाओं में होती है अनोखी तांत्रिक शक्तियां’
यूट्यूबर अभिषेक कर ने रिया उप्रेती नाम के अपने यूट्यूब चैनल पर एक वीडियो में असम के एक गांव का जिक्र किया. अपने वीडियो के एक हिस्से में उन्होंने दावा किया कि असम में एक ऐसा गांव है जहां तांत्रिक प्रथाएं प्रमुख हैं. वहां महिलाओं में ऐसी शक्ति होती है कि वे किसी व्यक्ति को बकरी और फिर वापस इंसान बना सकती हैं. इस बीच यूट्यूबर पर गलत सूचना फैलाने का आरोप लगा और उसे माफी मांगनी पड़ी.
सीएमओ की पोस्ट पर प्रतिक्रिया देते हुए यूट्यूबर ने ‘एक्स’ पर लिखा. ‘मैं जनता, मुख्यमंत्री कार्यालय और जीपी सिंह या हर संबंधित पक्ष से माफी मांगता हूं, जिन्हें ठेस पहुंची है. मेरा इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था और भविष्य में इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि ऐसा दोबारा न हो.’ उसने भविष्य में किसी भी दूसरे पक्ष से मिली जानकारी को सार्वजनिक करने से पहले उसकी पुष्टि करने का आश्वासन दिया.