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दतिया में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के दौरान प्रधानाध्यापक की हार्ट अटैक से मौत

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दतिया। दतिया में अनुभाग के बड़ौनी कन्या माध्यमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक संतोष तिवारी की हार्ट अटैक के कारण मौत हो गई। यह घटना स्कूल प्रांगण में सामूहिक सूर्य नमस्कार कार्यक्रम के दौरान हुई, जब उनकी तबियत अचानक बिगड़ गई। उन्हें तुरंत जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

सूर्य नमस्कार शरीर की ग्रंथियों, रक्त परिसंचरण, श्वसन, पाचन प्रणाली को संतुलित करता है। इसलिए नियमित रुप से सूर्य नमस्कार करना सभी के लिए लाभदायक साबित होता है। यह बात योगाचार्य व डाइट प्राचार्य डा.अनिल कुमार दुबे ने जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान दतिया में डीएलएड के छात्र-छात्राओं को योग अभ्यास करते हुए कही।

उन्होंने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी के जन्म दिवस युवा दिवस के उपलक्ष में 12 जनवरी को सामूहिक सूर्य नमस्कार का आयोजन होगा। इस मौके पर डॉ.दुबे ने बताया कि सूर्य नमस्कार की एक से 12 स्थितियां प्रार्थना मुद्रा, हस्त उत्तनआसान, पदहस्त आसान, अश्वसंचालन आसन, पर्वतआसान, अष्टांग नमस्कार, भुजंगासन, पर्वत, आसान, अश्व संचालन आसन, पदहस्त आसान, हस्तउत्तन आसन, प्रार्थना की मुद्रा का विशेष महत्व है।

सूर्य आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक

सूर्य नमस्कार का सरल अर्थ, सूर्य को प्रणाम करना है। सूर्य आध्यात्मिक चेतना का प्रतीक है। प्राचीन काल से दैनिक सूर्य उपासना का विधान नित्यकर्म के रूप में होता था। योग में सूर्य का प्रतिनिधित्व पिंगला नाड़ी द्वारा होता है, जो जीवनी शक्ति का बहन करती है।

अभ्यास से लाभ प्राप्त होता है

उन्होंने कहाकि सूर्य नमस्कार स्वयं में एक पूर्ण साधना है क्योंकि इसमें आसन, प्राणायाम, मुद्रा और ध्यान का समावेश किया गया है। प्रातकालीन अभ्यास प्रारंभ करने के लिए यह सर्वोत्तम अभ्यास है। सूर्य नमस्कार के संपूर्ण अभ्यास से बहुत से लाभ प्राप्त होते हैं।

यह शरीर को सबल बनाता है और चयापचाय को संतुलित करता है। स्वशन, पाचन, रक्त परिसंचरण, प्रजनन प्रणाली सहित शारीरिक संस्थानों को उद्दीप्त और संतुलित करता है। जिससे मस्तिष्क को ताजा आक्सीजन प्राप्त होती है। जो मानसिक विकास में वृद्धि करती है। सूर्य नमस्कार व्यक्ति के सर्वांगीण विकास में सहायक है। इस अवसर पर डाइट स्टाफ सदस्य भी उपस्थित रहे।

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