Breaking
पानी की किल्लत को लेकर लोगों ने किया चक्काजाम गोटेगांव में कैनरा बैंक शाखा में तीन करोड़ रुपये का घोटाला, EOW ने दर्ज किया मामला कृषि में स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को विज्ञान और बाजार के गुर सिखाएंगे कृषि विज्ञानी, 30 जून त... प्रदेश के वकीलों की सर्वोच्च संस्था स्टेट बार में हंगामे की स्थिति दोपहिया वाहन सवार को बचाने में पलटा ट्रक, बाजू से गुजर रहा मोटरसाइकिल सवार चपेट में आया, मौत 10 साल में चुराया 3.37 करोड़ रुपये से अधिक का पानी, राठौर और उसके रिश्तेदार पर केस दर्ज बद्रीनाथ दर्शन कर लौट रहे खरगोन के श्रद्धालु हादसे का शिकार, वाहन पलटने से एक की मौत, आठ घायल इंदौर के संग्रहालय ने सहेजा भारत का इतिहास, सिंधु घाटी सभ्‍यता के अवशेष से लेकर होलकर वंश तक के सिक्... 50 लाख की चोरी सहित दो और स्थानों की चोरी का तरीका एक जैसा उज्जैन में डेढ़ लाख लोग High BP से ग्रस्‍त, भूलकर भी ना करें इन दो चीजों का सेवन

म्यूचुअल फंड में निवेश करना हुआ ज्यादा सुरक्षित

Whats App

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड ने म्यूचुअल फंड यूनिट के लेनदेन को लेकर कुछ स्पष्टीकरण जारी किये। साथ ही निवेश राशि को भुनाने के मामले में सत्यापन को लेकर भी दिशानिर्देश भी जारी किये। यह स्पष्टीकरण शेयर बाजार प्लेटफॉर्म पर म्यूचुअल फंड यूनिट में लेन-देन से संबंधित है। यह ऑनलाइन प्लेटफॉर्म समेत अन्य इकाइयों के लिये भी है। अक्टूबर, 2021 में जारी सर्कुलर के मुताबिक, म्यूचुअल फंड लेनदेन को लेकर शेयर ब्रोकर और क्लियरिंग सदस्य म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए अपने नाम पर जारी भुगतान स्वीकार नहीं करेंगे। हालांकि, अब नियामक ने कहा कि सेबी से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉरपोरेशन के सदस्य भुगतान स्वीकार कर सकते हैं।

सेबी ने कहा, 1 अप्रैल 2022 के बाद से सेबी से मान्यता प्राप्त क्लियरिंग कॉरपोरेशन के पक्ष में देय रकम ही स्वीकार की जाएगी। यह राशि केवल म्यूचुअल फंड योजनाओं की खरीद को लेकर होगी, किसी अन्य उद्देश्य के लिये नहीं। म्यूचुअल फंड लेनदेन के लिए इस्तेमाल की जा रही भुगतान की मौजूदा व्यवस्था शेयर ब्रोकर / क्लियरिंग कॉरपोरेशन के सदस्यों के नाम पर बनी रह सकती है। हालांकि, इसके लिये जरूरी है कि भुगतान स्वीकार करने वाले ऐसी व्यवस्था रखेंगे जिसमें जो लाभार्थी होगा, वह केवल स्वीकृत खाता ही होगा। यह खाता केवल समाशोधन निगम का होगा।सेबी 1 मई से स्विंग प्राइसिंग मैकेनिज्म लागू करेगा। म्चूयुअल फंड योजनाओं के लिए लागू होने वाला यह मैकेनिज्म इसलिए तैयार किया गया है ताकि वोलेटाइल मार्केट में बड़े निवेशकों एकाएक अपना पूरा पैसा न निकाल लें। स्विंग प्राइजिंग को लागू करने पर फंड में निवेश और निकासी के दौरान निवेशकों को वह एनएवी मिलेगी जो स्विंग फैक्टर के तहत एडजस्ट की गई है।

पानी की किल्लत को लेकर लोगों ने किया चक्काजाम     |     गोटेगांव में कैनरा बैंक शाखा में तीन करोड़ रुपये का घोटाला, EOW ने दर्ज किया मामला     |     कृषि में स्टार्टअप शुरू करने वाले युवाओं को विज्ञान और बाजार के गुर सिखाएंगे कृषि विज्ञानी, 30 जून तक दे सकते हैं आवेदन     |     प्रदेश के वकीलों की सर्वोच्च संस्था स्टेट बार में हंगामे की स्थिति     |     दोपहिया वाहन सवार को बचाने में पलटा ट्रक, बाजू से गुजर रहा मोटरसाइकिल सवार चपेट में आया, मौत     |     10 साल में चुराया 3.37 करोड़ रुपये से अधिक का पानी, राठौर और उसके रिश्तेदार पर केस दर्ज     |     बद्रीनाथ दर्शन कर लौट रहे खरगोन के श्रद्धालु हादसे का शिकार, वाहन पलटने से एक की मौत, आठ घायल     |     इंदौर के संग्रहालय ने सहेजा भारत का इतिहास, सिंधु घाटी सभ्‍यता के अवशेष से लेकर होलकर वंश तक के सिक्के हैं मौजूद     |     50 लाख की चोरी सहित दो और स्थानों की चोरी का तरीका एक जैसा     |     उज्जैन में डेढ़ लाख लोग High BP से ग्रस्‍त, भूलकर भी ना करें इन दो चीजों का सेवन     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374