इंदौर। दूध की कमी दूर करने के लिए इंदौर सहकारी दुग्ध संघ ने महाराष्ट्र के संगमनेर, राहोरी और सिन्नर के सहकारी दुग्ध संघों से कुछ दूध लेना शुरू किया है। वैसे तो लगभग 40 हजार लीटर दूध लेना तय हुआ है, लेकिन शुरुआत में 30 हजार लीटर दूध खरीदा जा रहा है। इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के पास वैसे तो स्थानीय स्तर पर 2.70 लाख लीटर दूध सहकारी संस्थाओं से आ रहा है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। शासकीय योजनाओं में पोषण आहार के लिए अतिरिक्त दूध की जरूरत है, इसीलिए बाहर से दूध लेना पड़ रहा है।
इंदौर सहकारी दुग्ध संघ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी एएन द्विवेदी ने बताया कि शासकीय योजनाओं में बच्चों के पोषण आहार के लिए मिल्क पाउडर की आपूर्ति का आर्डर दुग्ध संघ को मिला हुआ है। शहर में आम उपभोक्ताओं के लिए तो दूध कमी नहीं है, लेकिन पाउडर बनाने के लिए अतिरिक्त दूध की जरूरत बनी हुई है। अभी शादी-ब्याह का सीजन है, इसलिए हमें दूध कम मिल पा रहा है। कुछ दिन में स्थिति ठीक हो जाएगी। हमें बच्चों के पोषण आहार के लिए 225 टन दूध पाउडर की आपूर्ति करना है, इसीलिए महाराष्ट्र से सहकारी दूध संघों से दूध लिया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि दूध की कमी मध्य प्रदेश सहकारी दुग्ध महासंघ के अन्य सांची दूध संयंत्रों में भी दूध की कमी हो रही है, लेकिन इंदौर दुग्ध संघ बड़ा है और यहां की खपत भी अधिक है। सर्दी के मौसम में इंदौर दुग्ध संघ में साढ़े तीन से लेकर चार लाख लीटर तक दूध की आवक थी। यह दूध सहकारी दूध उत्पादक समितियों के जरिए आता था। गर्मी की शुरुआत में दूध कम होते-हाेते अब 2.70 लाख लीटर पर आ चुका है। शासन ने बच्चों के पोषण आहार की जिम्मेदारी मध्यप्रदेश आजीविका फोरम के तहत स्वयं सहायता समूहों को दी हुई है। पोषण आहार में लगने वाला दूध पाउडर दुग्ध संघ से लिया जाता है।