Local & National News in Hindi
ब्रेकिंग
एक मिशन, एक सिग्नल और 3 आतंकी… 98वें दिन बाद पहलगाम का बदला कच्चातीवू द्वीप, पीओके, अक्साई चीन, करतारपुर साहिब… पीएम मोदी ने चुन-चुनकर गिनाईं कांग्रेस की गलतिया... ट्रंप ने 29 बार सीजफायर का दावा किया, दम है तो पीएम मोदी बोल दें कि झूठ है: राहुल गांधी UP में सरकारी स्कूलों को बंद करने का मामला: सुप्रीम कोर्ट पहुंचे सांसद संजय सिंह, फैसले को दी चुनौती न बैंड-बाजा, न ही लग्जरी कार… नाव पर आए बाराती, नाव पर ही विदा हुई दुल्हन; बिहार में बाढ़ के बीच हुई ... शहरी स्वच्छता में छत्तीसगढ़ की लंबी छलांग, सर्वे में 115 शहरों ने सुधारी अपनी रैंकिंग ‘अनिरुद्धाचार्य को पागलखाने भेजकर रहूंगी’… हिंदू महासभा की नेता मीरा राठौर ने खोला मोर्चा, कहा- तब त... ‘4 इंजन’ के 4 बहाने, 10 मिनट की बारिश में दिल्ली बेहाल… BJP सरकार पर अरविंद केजरीवाल का निशाना 4 बच्चों की मां को पति ने बेचा, राशन कार्ड बनवाने के बहाने ले गया; पत्नी सहित 2 बच्चों की लगा दी बोल... ओंकारेश्वर बांध के 14 गेट खोले, निचले क्षेत्र में घाटों से दुकानों को हटाया

17000 फीट की ऊंचाई पर रेस्क्यू ऑप्रेशन, IAF महिला पायलट ने बचाई 2 सैनिकों की जान

0 38

श्रीनगरः जम्मू-कश्मीर के लद्दाख की बर्फ से ढकी पहाड़ी पर फंसे दो सैन्य अधिकारियों को बचाने के लिए बड़े स्तर पर रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इस रेस्क्यू ऑपरेशन को अंजाम दिया भारतीय वायु सेना की महिला पायलट ने, जिसने 17000 फीट की ऊंचाई पर विपरित हालात में उड़ान भरी और सभी की जान बचाई। 17000 फीट की ऊंचाई पर स्टोक कांगड़ी में बर्फबारी के कारण फंसे दो सैन्य अधिकारियों, कैप्टन अंकित सिरोही और नेवी कमांडर सुभीर कुमार सिंह फंस गए थे। बेहद कठिन अभियान को महिला पायलट सुरभि सक्सेना ने सफलतापूर्वक अंजाम दिया। वहीं इस अभियान का नेतृत्व एक अन्य महिला अधिकारी ने भी किया। डिप्टी कमिश्नर अन्वी लवासा ने समय पर कार्रवाई में सहायता की और कागजी कार्रवाई पूरी करने के साथ ही सरकारी मशीनरी को सक्रिय कर यह सुनिश्चित किया कि दोनों अधिकारियों की जान बचाई जा सके।

जोखिम भरा था अभियान

यह रेस्क्यू ऑपरेशन काफी जोखिम भरा था। चीतल हेलीकॉप्टर में अपने सह पायलट के साथ पायलट सुरभि ने इस चुनौती को आगे बढ़कर स्वीकार किया और इस कठिनाई से पार करते हुए दोनों सैन्य अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला।

पहले लैंड नहीं कर पाया चीतल
स्टोक कांगड़ी पूरी तरह से बर्फ से ढका हुआ था इसले पहले प्रयास में चीतल को लैंड नहीं किया जा सका। इस पर गाइड्स ने पायलट सुरभि को ग्लेशियर के पास ही एक प्लेन जगह के बारे में बताया। दूसरे प्रयास में सुरभि ने चीतल को वहां लैंड किया।

Leave A Reply

Your email address will not be published.