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पंडित अनिल मस्ताना ने सुनाई पहले दिन की कथा, इंसान को चिंता नहीं चिंतन करनी चाहिए

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हरदोई: पाली कस्बे के मोहल्ला बाजार में बाबा तुरंतनाथ मंदिर पर भागवत कथा का आयोजन किया गया। कथा व्यास पंडित अनिल मस्ताना ने विधि विधान से पूजन संपन्न कराया और उसके बाद कथा का शुभारंभ हुआ। कथा व्यास ने पहले दिन की कथा श्रवण कराते हुए भगवान वेद व्यास और प्रथम पूज्य भगवान गणेश की कथा सुनाई।कथा व्यास पंडित अनिल मस्ताना ने कहा कि इंसान अपने पुरुषार्थ के बल पर धन दौलत प्राप्त कर सकता है, लेकिन शांति प्राप्त करने के लिए भागवत कथा जरूरी है। भागवत कथा ही एकमात्र ऐसा माध्यम है, जिससे इंसान को शांति और परम शांति प्राप्त होती है। कथा व्यास ने कहा कि इंसान को चिंता नहीं बल्कि चिंतन करना चाहिए। संगीतमयी कथा श्रवण कराते हुए उन्होंने कहा कि जब महाभारत युद्ध समाप्त हुआ तो इसे काव्य में उतारने के लिए भगवान वेदव्यास ने इसके लिए बेहतरीन लेखक की खोज शुरू की।काव्य को वेदव्यास ने लिखने का किया आग्रहवेदव्यास ने तमाम विद्वानों, ऋषि मुनियों एवं देवताओं से इसे लिखने का आग्रह किया। लेकिन सभी ने इंकार कर दिया। दरअसल महर्षि वेदव्यास की शर्त थी कि जब वह श्लोक बोलने की शुरुआत करेंगे तो फिर रुकेंगे नहीं है। इसलिए ऐसे लेखक की जरूरत थी जो एक बार लिखना शुरू करें तो कहीं पर रुके नहीं।पाली कस्बे के मोहल्ला बाजार में बाबा तुरंतनाथ मंदिर पर भागवत कथा का आयोजन।आखिरकार भगवान वेदव्यास की खोज पूरी हुई, और उन्होंने देवों में प्रथम पूजनीय भगवान गणपति से महाभारत काव्य को लिखने की प्रार्थना की। भगवान गणेश ने कहा कि अगर उन्होंने लिखना शुरू किया तो वह रुकेंगे नहीं। इसीलिए अगर आप श्लोक बोलेंगे तो आप को रुकना नहीं होगा। दोनों ने एक दूसरे की शर्त मान ली और उसके बाद महाभारत काव्य की रचना हुई।ये लोग रहे मौजूदइस मौके पर सुरेश गुप्ता, बब्बन मिश्र, विकास गुप्ता, विपिन गुप्ता, संजीव गुप्ता, बब्लू गुप्ता, सुधीर गुप्ता, दुल्लू गुप्ता, अनुपम गुप्ता, रोहित आदि तमाम भक्त मौजूद रहे।

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