अशोकनगर: इस बार कोरोना की पाबंदी हटने के बाद शहर सहित ग्रामीण आंचल में बड़े स्तर पर माता की झांकी लग रही है। अशोकनगर में छोटे आकार से लेकर 12 फीट तक की मूर्ति बनाई जा रही है। इस बार अधिक स्थानों पर झांकी लगने की वजह से जितनी मूर्तिकारों ने मूर्ति बनाई है, उससे भी ज्यादा बुकिंग आने लगी हैं। माता को मूर्तिकार अंतिम रुप में सजा रहे हैं। सभी स्थानों पर अलग-अलग कहीं काली स्वरूप तो कहीं शंकर पार्वती व मां दुर्गा की झांकी सजाई जा रही है।कृष्ण आर्ट के मूर्तिकार जयराम कुशवाह ने बताया कि वह 35 साल से मूर्ति बनाने का काम कर रहे हैं। अशोकनगर में छोटे आकार से 12 फीट की मूर्ति बनती है । इस बार शहर में सबसे बड़ी काली माता की मूर्ति हमारे ओर से बनाई गई है। यह झांकी इंदिरा पार्क पर लगेगी।इस साल 150 मूर्ति बनाई गई है, लेकिन बुकिंग बहुत आ रही है, जितने हम बना भी नहीं पा रहे हैं। कोरोना के दो साल बाद अधिक झांकी लग रही है। वहीं गणेशजी की झांकी भी अधिक लगी थी।अचानक बनता है आकर्षक स्वरुपमूर्तिकारों का कहना है कि जब भी वह मां की प्रतिमा बनाते हैं, तो रूप अचानक से आकर्षक बन जाता है। हर साल एक या दो मूर्ति की इतनी सुंदरता होती है, जिसकी कल्पना भी नहीं की जा सकती है। उन मूर्तियों में अचानक से चमत्कार होता है। जयराम ने बताया की इस बार भी एक मूर्ति का आकर्षक स्वरुप बना है।अंतिम रुप में सज रही मूर्ति26 सितंबर से माता के पंडाल सजने लगेंगे। चार दिन शेष हैं, जिसकी वजह से मूर्तिकार माता को अंतिम रूप देने में लगे हैं। लगभग दो माह पहले मूर्ति बनाना प्रारंभ हुआ था। जो लकड़ी और मिट्टी से बना कर तैयार कर दी गई, अब कलर से पेंटिंग करके अंतिम रूप दे रहे हैं। चार दिन के बाद लोग पंडालों में झांकी लगाने के लिए माता को ले जाने लगेंगे।
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