कॉपर में एंटीऑक्सीडेंट गुण शामिल होते हैं। यह फाइन लाइन्स और झुर्रियों को कम करने में सहायता करता है। तांबे के बर्तन में रखा पानी का सेवन करने से आप जवां और फिट नज़र आ सकते हैं।
2. गठिया और सूजन वाले जोड़ों को राहत दिलाता है
प्राचीन काल से ही तांबे का इस्तेमाल गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने के किया जाता है। क्योंकि इसमें प्लैकेटिंग गुण शामिल होता है। रूमेटाइड अर्थराइटिस की वजह से जोड़ों में होने वाले दर्द में यह बेहद लाभकारी है।
3. एनीमिया को दूर करता है
तांबे में कई औषधीय गुण मौजूद होते हैं। एनीमिया के जोखिम को कम करने में कॉपर काफी फायदेमंद हैं। बॉडी में तांबे की कमी से एनीमिया हो सकता है। इसलिए एक गिलास पानी आपके रक्तप्रवाह में हीमोग्लोबिन के लेवल को बढ़ाने में सहायता करता है।घावों को तेजी से भरने में, वजन को घटाने में, पाचन में सुधार करने के लिए, हाई ब्लड प्रेशर, बेड कोलेस्ट्रॉल, थायराइड ग्रंथि के कामकाज को नियंत्रित करने, त्वचा के स्वास्थ्य और मेलेनिन उत्पादन को बढ़ाने और रोगाणुरोधी संक्रमण से लड़ने में तांबे के बर्तन में रखा पानी काफी लाभकारी है।
तांबे के बर्तनों के इस्तेमाल के जरूरी नियम
तांबे के बर्तन में रखा पानी पीने के लिए इसे करीब 7 से 8 घंटे तक बर्तन में ही रखकर छोड़ दें। ऐसा करने से कॉपर के सारे गुण पानी में आ जाते हैं।
वैसे तो आप कभी भी इस पानी का सेवन कर सकते हैं, लेकिन सुबह खाली पेट इसका सेवन करने से इसके लाभ काफी बढ़ जाते हैं। पानी को कभी एक सांस में नहीं पीना चाहिए। बल्कि इसे धीरे-धीरे घूंट-घूंट करके पिएं।
तांबे के पानी की तासीर गर्म होती है। इसलिए एसिडिटी के मरीजों को इसका सेवन नहीं करना चाहिए।
किडनी और हृदय रोगियों को इस पानी का सेवन करने से पहले डॉक्टर से परामर्श लें। तांबे के बर्तन में दूध, खट्टी चीजें और अन्य खाद्य पदार्थ का सेवन न करें।
यदि आप तांबे की बोतलों को रोजाना इस्तेमाल करते हैं, तो उन्हें सप्ताह में दो बार जरूर साफ करें। जिससे उसके पानी के फायदे आपको मिल सकें।