लुधियाना। पंजाब के जिला लुधियाना में अदालत में हुए बम विस्फोट मामले में दिल्ली एयरपोर्ट से NIA द्वारा गिरफ्तार किया गया आरोपी हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी मलेशिया सुरक्षा एजेंसियों के लिए पहेली रहा। बम विस्फोट की घटना के करीब 6 महीने तक तो पंजाब पुलिस और NIA आदि सुरक्षा एजेंसियों को भी नहीं पता था कि इस मामले में पाकिस्तान की इंटरनेशनल सिक्खयूख फेडरेशन (ISYF) का प्रमुख लखबीर सिंह रोडे का साथी हरप्रीत सिंह हैप्पी मुख्यारोपी है।10 लाख रुपये का था रखा इनामआरोपी पर NIA ने 10 लाख रुपए का इनाम घोषित किया हुआ था। आरोपी हरप्रीत सिंह के खिलाफ गैर-जमानती वारंट तक जारी है। वहीं उसके खिलाफ लुक-आउट सर्कुलर भी जारी किया जा चुका है।आरोपी हैप्पी पुलिस रडार से बाहर था जैसे ही STF ने इसी साल मई में एक ड्रग सप्लाई रैकेट का भंडाफोड़ किया था। उसके बाद ही हैप्पी का नाम सामने अया। पंजाब पुलिस के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि बर्खास्त पुलिस कांस्टेबल गगनदीप सिंह उर्फ गग्गी, जो 23 दिसंबर, 2021 को नए अदालत परिसर में विस्फोटक लगाने के प्रयास में बम विस्फोट में मारा गया था वो हरप्रीत सिंह उर्फ हैप्पी के सीधे संपर्क में नहीं आया था।खन्ना के मोहल्ला गुरु तेग बहादुर, लल्हेरी रोड के गग्गी को 2019 में विशेष कार्य बल (STF) लुधियाना इकाई द्वारा ड्रग पेडलिंग मामले में गिरफ्तार किए जाने के बाद पुलिस चौकी से गगनदीप को बर्खास्त कर दिया गया था। स्पेशल टास्क फोर्स (STF) लुधियाना रेंज द्वारा गिरफ्तार किए जाने पर वह खन्ना के पुलिस स्टेशन सदर में मुंशी के रूप में तैनात थे।हैप्पी का लुधियाना में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहींहैप्पी मलेशिया,अमृतसर का मूल निवासी है। हैप्पी का लुधियाना में कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। गगदीप अमृतसर के गांव चक अल्लाह बख्श के दिलबाग सिंह के संपर्क में था, जिसने सीमा पार तस्करों और आतंकवादी समूहों से IED के साथ विस्फोटक प्राप्त किए थे, विस्फोट से एक महीने पहले गगनदीप उर्फ गग्गी को उसने IED सौंप दिया था।दिलबाग सिंह को उसके चचेरे भाई सुरमुख सिंह के माध्यम से हैप्पी मलेशिया से निर्देश मिलते थे। सुरमुख सिंह के माध्यम से हैप्पी मलेशिया के निर्देशों के बाद, दिलबाग सिंह ने 23 दिसंबर, 2021 को गग्गी को अदालत परिसर में विस्फोटक लगाने का निर्देश दिया था। हालांकि गग्गी खुद विस्फोट में मारा गया था और छह अन्य लोग घायल हो गए थे। लुधियाना के पुलिस अधिकारियों के अनुसार घटना के 21 दिन बाद NIA ने जांच अपने हाथ में ली थी और इस साल 13 जनवरी को एक और मामला दर्ज किया था।घटना वाली जगह पर सबूत जुटाने में लगी एक्सपर्ट टीम। (फाइल फोटो)क्या था मामलालुधियाना की जिला अदालत में हुए बम ब्लास्ट में इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) का इस्तेमाल किया गया था। इस धमाके में 1 आदमी की मौत हो गई, जबकि 6 अन्य घायल हुए थे। ब्लास्ट की जांच के लिए दिल्ली से NSG, NIA और नेशनल बम डाटा सेंटर की टीमें मौके पर पहुंची थी। ब्लास्ट के 10 घंटे बाद, रात 10.15 बजे NSG टीम ने मलबे में पड़ी बॉडी को वहां से हटवाकर सिविल अस्पताल की मॉर्चुरी में रखवाया था।
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