सागर । जैसीनगर तहसील के बरखेरा महंत गांव के श्री जानकी रमण मंदिर के व्यवस्थापक जगदीश दास ने राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई एवं जिला पंचायत सागर के अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत पर मंदिर की 125 एकड़ जमीन हड़पने की कोशिश का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि यह मंदिर व जमीन अयोध्या स्थित वशिष्ठ पीठ की है। इस मंदिर का संचालन गुरु परंपरा के अनुसार चल रहा है। गुरु इसके लिए उत्तराधिकारी बनाते हैं। इस मंदिर के संचालन का जिम्मा वशिष्ठ पीठ के पास सन 1800 से लेकर अब तक हैं। लेकिन कुछ समय से इस मंदिर में अयोध्या के महंत नहीं है। जिसकी वजह से मंत्री के भाई इस हड़पने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गुरु परंपरा के अनुसार ही मंदिर के वारसान के नाम के नामांतरण का मामला एसडीएम कोर्ट में चल रहा है, लेकिन एसडीएम मंत्री के भाई के कहने पर नामांतरण नहीं कर रहीं। मंत्री के भाई जमीन को हड़पने के लिए मंदिर का संचालन पंचायत के समिति द्वारा कराना चाहते हैं। वहीं उन्हीं के इस दवाब के चलते एसडीएम सपना त्रिपाठी द्वारा जैसीनगर तहसीलदार को मंदिर की जमीन से संबंधित रिकार्ड विलोपित करने को कहा जा रहा है। जगदीश दास का कहना है कि 26 जनवरी 2023 तक यदि एसडीएम कोर्ट द्वारा जमीन के नामांतरण नहीं किया जाता तो वे आत्महत्या कर लेंगे। उन्होंने कहा कि इसके लिए मंत्री के भाई हीरा सिंह राजपूत, एसडीएम सपना त्रिपाठी जिम्मेदार होंगी।
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य को भी जानकारी
जगदीश दास का कहना है कि यह जमीन वशिष्ठ पीठ की है। पीठ के महंत डा. रामविलास दास जी वेदांती के नाम से जमीन करने का मामला एसडीएम कोर्ट में चल रहा है। जगदीश दास के अनुसार इस मंदिर व जमीन के मामले को लेकर वेदांती जी ने केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, मंत्री भूपेंद्र सिंह, मंत्री गोपाल भार्गव, सांसद गणेश सिंह से लेकर सांसद राजबहादुर सिंह से बात की एवं इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मंत्री के भाई हीरा सिंह इसके बाद भी इस जमीन को हड़पने की कोशिश कर रहे हैं।
जिपं अध्यक्ष ने मंदिर की जमीन पर कब्जे की बात को नकारा
वहीं इस संबंध में राजस्व एवं परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के भाई व जिपं अध्यक्ष हीरा सिंह राजपूत का कहना है कि बरखेरा महंत में देव जानकी रमण मंदिर की लगभग 125 एकड़ जमीन है। इतनी जमीन होने के बावजूद भी पूजा-अर्चना नही हो पाती थी। इसको लेकर बरखेरा महंत और आसपास के लगभग एक दर्जन गांव के लोगों द्वारा एक धर्मसभा का आयोजन किया गया था। इसकी सूचना ग्रामवासियों द्वारा अनुविभागीय अधिकारी राजस्व, तहसीलदार और जैसींनगर पुलिस के साथ मुझे भी दी थी। धर्मसभा की बैठक बरखेरा महंत मंदिर के प्रांगण में 11 जून 2021 हुई थी। इसमें आसपास के सभी जनप्रतिनिधि सहित 500 से अधिक ग्रामीणजन उपस्थित हुए थे। धर्मसभा में मंदिर के रखरखाव एवं पारदर्शिता रखने के लिए सरकारी देखरेख में एक कमेटी के गठन का प्रस्ताव पारित किया गया था। इसी प्रस्ताव के आधार पर एसडीएम राजस्व सागर द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया। इसके द्वारा मंदिर और उसकी जमीन का कुशल संचालन एवं जमीन से आने वाले आय-व्यय का हिसाब तथा रखरखाव किया जा रहा है। इसका मौके पर जाकर प्रशासनिक तंत्र, जनप्रतिनिधि सहित आमजन मुआयना कर सकते हैं। मेरे या मेरे परिवार का किसी भी तरह से मंदिर की जमीन पर कोई भी कब्जा नहीं है और किसी तरह से लेना-देना नही है। इस तरह के सभी आरोप निराधार हैं।
इनका कहना
मेरी कोर्ट में बरखेरा महंत के मंदिर की जमीन को लेकर नामांतरण का कोई मामला नहीं चल रहा है। दुरुस्तीकरण का मामला चल रहा है। यह मामला भी मेरी यहां पदस्थापना होने से पहले का है। अभी इसमें कोई फैसला नहीं हुआ। जगदीश दास द्वारा गलत आरोप लगाए जा रहे हैं।
– सपना त्रिपाठी, एसडीएम, सागर