सेंटर की कार्यकारी निदेशक ने बताया कि उन्हें उम्मीद है कि ये पक्षी जल्द ही स्वस्थ हो जाएंगे। हॉल ने बताया कि ये बाज अचेत अवस्था में मिले थे और रैप्टर सेंटर के कर्मियों को यह मालूम नहीं था कि ये जीवित हैं। पशु चिकित्सकों को संदेह है कि जिन बाज की मौत हुई है उन्होंने इसतरह के मृत जानवर को खाया था जिन्हें पेंटोबार्बिटल दवा देकर मारा गया था और जांचकर्ताओं ने पुष्टि की कि इन जानवरों को दो दिसंबर को भराव क्षेत्र में फेंका गया।