भोपाल । प्रदेश के विभागों में किस तरह की भर्राशाही चल रही है उसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि राजधानी स्थिति नापतौल मुख्यालय पर प्रदेशभर का भार है। लेकिन विडंबना यह है कि मुख्यालय में स्टाफ तक नहीं हैं। नापतौल विभाग के कर्मचारी मंत्रालय और जिलों में आराम फरमा रहे हैं। कर्मचारियों की कमी और काम के भार से मुख्यालय में पदस्थ कर्मचारियों में रोष है और वे आंदोलन की धमकी दे रहे हैं। गौरतलब है कि नाप तौल महकमे के वेतन मेडिकल बिल टीए डीए से लेकर जीपीएफ तक का सारा काम भोपाल मुख्यालय में दशकों से हो रहा है। ऐसे में जिलों से अमला भोपाल लाने की मांग चल रही थी। हालांकि इसके उलट कर्मचारियों का मुख्यालय से बाहर जिलों में तबादला कर दिया गया है। वहीं कई कर्मचारी नियुक्ति दिनांक से ही नापतौल मुख्यालय के बजाय राज्य मंत्रालय में जमे हुए हैं। दरअसल कर्मचारियों की सर्विस संबंधी सभी कार्यालयीन काय डेढ़ दशक पूर्व सेंट्रलाइज करके भोपाल स्थित मुख्यालय से किया जा रहा है। आलम यह है कि उपनियंत्रक कार्यालय में चतुर्थ श्रेणी का एक भी कर्मचारी नहीं बचा। इसी बीच ट्रांसफर बैन की आखिरी तारीख 5 अक्टूबर से एक दिन पहले 4 अक्टूबर को सात कर्मचारियों के मुख्यालय से बाहर अलग-अलग जिलों में ट्रांसफर हो गए। इसके विरोध में प्रमुख सचिव खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति को लिखे पत्र में मप्र नापतौल विभागीय समिति ने तबादले निरस्त करने की मांग की है। दूसरी ओर 2013 से निरीक्षकों की भर्ती नहीं होने से अमले की कमी दूर करने के लिए 9 साल बाद 6 निरीक्षकों और 7 बाबुओ की भर्ती का प्रस्ताव पीईबी भेजा गया है।
वर्षों से मंत्रालय में पदस्थ
नापतौल मुख्यालय में स्टाफ की कमी के बावजुद कई कर्मचारी सालों से मंत्रालय में पदस्थ है। वर्तमान सेमस में रितु महावर सहायक ग्रेड-3 पिछले 10 वर्ष साल से मंत्रालय में पदस्थ हैं। इनके अलावा संतोष टपरावत सहायक ग्रेड-3 8 वर्ष से शिवकुमार कोल सहायक ग्रेड-2 5 वर्ष से सुखदेव साल्वे सहायक ग्रेड-2 3 माह से मंत्रालय में पदस्थ हैं। वहीं मुख्यालय से बाहर जिनका तबादला हुआ है उनमें मनीषा रामटेके सहायक ग्रेड-1 सहायक नियंत्रक नापतौल मुरैना अनिल मालवीय सहायक ग्रेड-2 उप नियंत्रक कार्यालय नापतौल ग्वालियर राजेश कुमार सिंह सहायक ग्रेड-3 उप नियंत्रक नापतौल कार्यालय इंदौर राजेंद्र खनाल सहायक ग्रेड-3 उप नियंत्रक नापतौल कार्यालय इंदौर प्रतिभा लकडा सहायक ग्रेड-3 निरीक्षक कार्यालय सिवनी सुरेंद्र मेहरा सहायक ग्रेड-3 नापतौल निरीक्षक कार्यालय नरसिंहपुर और भागचंद अहिरवार सहायक ग्रेड-3 उप नियंत्रक नापतौल कार्यालय जबलपुर शामिल हैं। इनका तबादला 4 अक्टूबर को किया गया है।
मंत्री का घेराव किया जाएगा
मप्र तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष मोहन अय्यर का कहना है कि मंत्रालय में पदस्थ कर्मचारियों के साथ ही बेवजह मुख्यालय से बाहर किए गए कर्मचारियों की भी मुख्यालय वापसी की जाए। अन्यथा खाद्य एवं आपूर्ति मंत्री का घेराव किया जाएगा। नाप तौल मुख्यालय के संयुक्त नियंत्रक राजेश पिल्लई का कहना है कि सरप्लस कर्मचारी होने से प्रशासनिक आधार पर तबादले किए गए हैं। कर्मचारियों निरीक्षकों के खाली पदों के मद्देनजर नवीन भर्ती का प्रस्ताव पीईबी को भेजा गया है।
निरीक्षकों को वरिष्ठ पदों पर कर दिया पदस्थ
नापतौल विभाग में इस समय जमकर मनमर्जी चल रही है। हाल ही में बगैर पदोन्नति के निरीक्षकों को वरिष्ठ पदों पर पदस्थ कर दिया। लेकिन सहायक ग्रेड 123 के कर्मचारियों को निरीक्षक नापतौल का प्रभार नहीं दिया। इस मामले में तृतीय वर्ग कर्मचारी संघ मप्र के प्रांतीय अध्यक्ष अतुल मिश्रा अध्यक्ष उमाशंकर तिवारी ने मप्र के नापतौल नियंत्रक को शिकायत कर जांच की मांग की है। मांग की गई है कि विभाग में निरीक्षकों के पद रिक्त होने से कहीं न कहीं उपभोक्ता हित के लिए बनाए गए इस विभाग की कार्य क्षमता में कमी आ रही है। विभाग में निरीक्षकों को अपने जिले के अलावा दो जिले और तहसीलों के कार्य प्रभार दे रखे है उससे कार्य सुचारू रूप से नहीं हो पाता। विभाग में लिपिकीय अमले के 145 कर्मचारी कार्यरत हैं वहीं निरीक्षक के 66 पद पर निरीक्षक कार्य कर रहे हैं । जिस प्रकार पदोन्नति पर रोक होने के बाद भी वरिष्ठ निरीक्षक को संयुक्त नियंत्रक उप नियंत्रक सहायक नियंत्रक के पद का प्रभार देकर कार्य लिया जा रहा है। उसी प्रकार प्रदेश के हर जिले में उप नियंत्रक कार्यालय सहायक नियंत्रक कार्यालय निरीक्षक कार्यालय में पदस्थ वरिष्ठ लिपिकीय अमले को निरीक्षक का प्रभार देकर कार्य करने के आदेश जारी हों।