महाविकास आघाड़ी ने शनिवार को रिचर्डसन और क्रुडास कंपनी नागपाड़ा से छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस तक रैली निकाली। इसमें पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले कांग्रेस विधायक दल के नेता बालासाहेब थोरात पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण मुंबई कांग्रेस अध्यक्ष भाई जगताप पूर्व प्रदेश अध्यक्ष माणिकराव ठाकरे प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष नसीम खान पूर्व मंत्री वर्षा गायकवाड़ पूर्व मंत्री असलम शेख राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल छगन भुजबल समाजवादी पार्टी के अबू आजमी शेकापा के जयंत पाटिल प्रदेश कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता अतुल लोंढे माविआ के सभी घटक दल और बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे। एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने भी रैली को संबोधित किया।

नाना पटोले ने आगे कहा कि महाराष्ट्र के देवताओं का अपमान करने का काम राजभवन से भगतसिंह कोश्यारी के साथ शुरू हुआ और बाद में बीजेपी नेताओं ने उसी काम को आगे जारी रखा। उन्होंने कहा कि इस बात को लेकर लोगों में काफी रोष है कि भाजपा नेता लगातार महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने  कर्मवीर भाऊराव पाटील डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा शिक्षण संस्थानों के लिए भीख मांगने की बात कह कर महापुरुषों के अपमान के सिलसिले को चरमोत्कर्ष पर पहुंचा दिया।

रैली को संबोधित करते हुए एनसीपी अध्यक्ष  शरद पवार ने कहा कि संयुक्त महाराष्ट्र के सवाल पर मुंबई में इस तरह के मार्च  पहले से होते रहे हैं लेकिन आज का मार्च काफी बड़ा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र एक अलग राज्य बन गया लेकिन कुछ गांव अभी तक महाराष्ट्र में शामिल नहीं किए गए हैं और उसके लिए संघर्ष अभी भी जारी है। पवार ने कहा कि हम सब आज के मार्च में महाराष्ट्र के सम्मान के लिए एक साथ आए हैं। उन्होंने कहा “ सत्ता में बैठे लोग छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान  कर रहे हैं जिसे हम लोग कभी  बर्दाश्त नहीं करेंगे। सरकार के एक मंत्री  मंत्री ने महात्मा फुले डॉ. बाबासाहेब आंबेडकर कर्मवीर भाऊराव पाटिल का अपमान किया है। पवार ने कहा कि जब शिक्षा की कोई व्यवस्था नहीं थी तो इन महापुरुषों ने साधारण घरों के बच्चों के लिए शिक्षा का द्वार खोल  दिए लेकिन एक मंत्री कहते हैं कि इन महापुरुषों ने भीख मांगी। एनसीपी अध्यक्ष ने कहा कि जब से राज्य में नई सरकार आई है महापुरुषों को बदनाम करने की होड़ शुरू हो गई है लेकिन महाराष्ट्र की जनता ऐसे लोगों को सबक सिखाए बिना नहीं रहेगी।

पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि देश ने कई सालों के बाद इतना बड़ा मार्च देखा होगा। उन्होंने कहा “ इस मार्च में मैं अकेला नहीं चला बल्कि महाराष्ट्र के साथ गद्दारी करने वालों का विरोध करने के लिए हजारों लोग मेरे साथ चले। आज महाराष्ट्र के गद्दारों को छोड़कर सभी दल एकजुट हैं। राज्यपाल राष्ट्रपति के राजदूत होते हैं लेकिन आज इस पद की गरिमा को लेकर सवाल उठ रहे हैं। मैं भगत सिंह कोश्यारी को राज्यपाल नहीं मानता। ठाकरे ने कहा कि आगरा से भागकर छत्रपति शिवाजी महाराज ने स्वराज्य की स्थापना की लेकिन शिंदे सरकार के एक कैबिनेट मंत्री इसकी तुलना महाविकास आघाडी सरकार के साथ गद्दारी करने वालों से करते हैं। उन्होंने कहा कि इन लफंगों को छत्रपति का नाम लेने का भी अधिकार नहीं है। यह उन लोगों की वैचारिक दरिद्रता है जो महापुरुष के नाम पर वोट की भीख मांगते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि आज का मार्च एक शुरुआत है और हम तब तक नहीं रुकेंगे जब तक हम महाराष्ट्र के गद्दारों को मिट्टी में दफन नहीं कर देते।

विधानसभा में विपक्ष के नेता और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजीत पवार ने कहा कि महाराष्ट्र के स्वाभिमान को बनाए रखने के लिए यह मोर्चा निकाला गया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता लगातार महापुरुषों का अपमान कर रहे हैं लेकिन भाजपा नेताओं के पीछे मास्टरमाइंड कौन है इसका खुलासा होना चाहिए। अगर कोई गलत बोलता है तो माफी मांगी जाती है लेकिन बीजेपी जानबूझकर इस तरह का बयान दे रही है। इस दौरान अजित पवार ने राज्यपाल कोश्यारी पर भी निशाना साधा और राज्यपाल को हटाने की मांग की।
महाविकास आघाडी के  महामोर्चे को  शिवसेना सांसद संजय राउत समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अबू आजमी विधायक कपिल पाटिल माकपा नेता ने भी  संबोधित किया।