स्विट्जरलैंड के जिनेवा में स्थित UNHRC के 42वें सेशन में पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी (Shah Mehmood Qureshi) कश्मीर मुद्दे (Kashmir Issue) को उठाएंगे. भारतीय समयानुसार दोपहर करीब 3 बजे पाकिस्तानी मंत्री बयान देंगे और उसके बाद शाम 7 बजे भारत के सचिव उनका जवाब देंगे.
पाकिस्तान यूएनएचआरसी में कश्मीर के मुद्दे पर बहस या प्रस्ताव की मांग कर सकता है. बताया जा रहा है कि पाकिस्तान कश्मीर में कथित तौर पर मानवाधिकार के उल्लंघन का हवाला देते हुए प्रस्ताव ला सकता है और इस पर मतदान भी करवाने की अपील कर सकता है. अगर पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर कोई प्रस्ताव लाना है तो उसे 19 सितंबर से पहले ऐसा करना होगा.
भारत ने की ये तैयारी
सूत्रों ने News 18 को बताया, ‘भारत के अधिकारी कश्मीर मसले पर पूरा डोज़ियर सौपेंगे, जिसमें पूरी स्थिति को समझाया जाएगा. सूत्रों का ये भी कहना है कि विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्वी) विजय ठाकुर सिंह ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए हाई लेवल टीम तैयार की है. साथ ही भारत ने इस मसले पर बारीकी से तैयारी की है, जिससे पाकिस्तान को मुंह की खानी पड़ेगी.
भारत का मानना है कि पाकिस्तान कश्मीर को अंतरराष्ट्रीय मुद्दा बनाने के इरादे से ही इसे बड़े मंचों पर उठा रहा है, ताकि थर्ड पार्टी इसमें दखल दे सके. पाकिस्तान ने इसके पहले भी 16 अगस्त को कश्मीर मसले को संयुक्त राष्ट्र में उठाया था. तब 14 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सिर्फ चीन को छोड़कर सभी देशों का मानना था कि कश्मीर भारत-पाकिस्तान का द्विपक्षीय मसला है. दोनों देशों को शिमला और लाहौर समझौते के तहत कश्मीर मसले को भी बातचीत से सुलझाना चाहिए.
कश्मीर मसले पर भारत को मुख्य तौर पर नॉर्वे, बेल्जियम, नीदरलैंड्स, इटली, स्पेन, हंगरी, बुलगेरिया, चेक रिपब्लिक जैसे बड़े देशों का समर्थन हासिल है. इसके अलावा आइसलैंड, स्विटजरलैंड और स्लोवेनिया भी भारत के साथ हैं.
वहीं, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, मिस्र, जापान, नेपाल, साउथ अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, सऊदी अरब, यूएई, बहरीन और कतर जैसे देश भी खुले तौर पर भारत के साथ आ सकते हैं.
अगर बात करें पाकिस्तान की, तो कश्मीर पर उसे चीन के अलावा कोई देश फिलहाल सपोर्ट नहीं कर रहा है.
UNHRC में क्या है स्थिति
UNHRC की स्थापना साल 2006 में हुई थी. मौजूदा वक्त में UNHRC के 47 सदस्य हैं. भौगोलिक स्थिति को देखते हुए सदस्यों को पांच रिजनल ग्रुप में बांटा गया है. UNHRC के अफ्रीकन स्टेट्स में 13 सदस्य, एशिया-पैसिफिक में 13 सदस्य, ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स में 6 सदस्य, लैटिन अमेरिकन और कैरिबियन स्टेट्स में 8-8 सदस्य, जबकि वेस्टर्न यूरोपियन और अन्य स्टेट्स के लिए 7 सीटें निर्धारित हैं. भारत-पाकिस्तान को दोनों को ही एशिया पेसिफिक ग्रुप में रखा गया है. भारत 2011 तक UNHRC का सदस्य है, जबकि पाकिस्तान की मेंबरशिप 2020 में खत्म हो रही है.
ये हैं UNHRC के नए सदस्य
UNHRC में जो नए सदस्य चुने गए हैं, उन देशों के नाम हैं- बुर्किना फासो, कैमरून, इरिट्रिया, सोमालिया, और टोगो. यह सभी अफ्रीकन स्टेट्स कैटिगरी में हैं. वहीं ईस्टर्न यूरोपियन स्टेट्स ग्रुप में बुल्गारिया और चेक रिपब्लिक, जबकि लैटिन अमेरिकन-कैरिबियन स्टेट्स कैटिगरी में अर्जेंटीना, बहामास और उरुग्वे शामिल हैं. इसके अलावा वेस्टर्न यूरोपियन और अन्य राज्यों की कैटिगरी में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क और इटली नए सदस्य निर्वाचित हुए हैं.
UNHRC की सदस्यता दो साल बाद बदलती रहती है. नियमों के मुताबिक, इनमें से लगातार दो बार सदस्य रह चुके देश तुरंत रि-इलेक्शन का हिस्सा नहीं बन सकते. संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकार के हितों के प्रति उठाए गए कदमों के आधार पर ही किसी देश को UNHRC की सदस्यता देता है.