
पड़घड़ी (बांका, बिहार) : जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी हमले में मारे गए बिहार के बांका जिला के बाराहाट प्रखंड निवासी गोल गप्पा दुकानदार अरविंद कुमार साह के गांव पड़घड़ी में शोक और दहशत का माहौल है।
जम्मू-कश्मीर में शनिवार की शाम आतंकवादियों ने गोली मारकर 30 वर्षीय अरविंद कुमार साह की हत्या कर दी थी। अरविंद का गोलियों से छलनी शव घटना के दो दिन बाद सोमवार को उनके गांव पहुंचा। अपने बेटे का शव देखकर उनकी मां सुनैना देवी का रो-रोकर बुरा हाल है।
सुनैना पांच बेटों में सबसे छोटे अरविंद की शादी रचाने की सोच रही थीं, लेकिन उसकी हत्या ने उनका दिल तोड़ दिया है। अरविंद के शोक संतप्त पिता पिता देवेंद्र साह फूट-फूट कर रोने से पहले शांत दिखने की निरर्थक कोशिश करते दिखे। उन्होंने कहा, “अरविंद बेहतर भविष्य के सपने के साथ कड़ी मेहनत कर रहा था। गोल-गप्पे बेच रहा था, पैसे बचा रहा था। उसने अपनी माँ से कहा कि उसे काम के लिए देर हो रही है और उसने शाम को फिर से कॉल करने का वादा किया था। लेकिन वह शाम नहीं आयी।”

यह साल परिवार के लिए दोहरी मार वाला रहा, उन्होंने कुछ महीने पहले अरविंद के बड़े भाई बबलू को कोरोना महामारी में खोया है।
अरविंद के पिता ने कहा, “हमारी सारी उम्मीदें धराशायी हो गईं। राज्य सरकार ने दो लाख रुपये की सहायता की घोषणा की है। हम अनुरोध करते हैं कि वे हमारी स्थिति की गंभीरता को समझें और राशि को बढ़ाकर 50 लाख रुपये करें और हमारे एक बेटे को सरकारी नौकरी दें ताकि वह यहां रहकर परिवार की देखभाल कर सके।”
उन्होंने कहा, “हम अपने परिवार के किसी भी सदस्य को अब से दूर खतरनाक जगह पर अपनी जान जोखिम में डालने की अनुमति नहीं दे सकते। मुझे बताया गया है कि हमलावरों ने मेरे बेटे की पहचान सुनिश्चित की और उसके बाहरी होने की पुष्टि होने के बाद उसे प्वाइंट ब्लैंक रेंज से गोली मार दी गई। मुझे बताया गया है कि भारत-पाक क्रिकेट मैच होने वाला है। मैं उसे रद्द करने की मांग करता हूं।”
अरविंद के गांव के कई लोग अभी भी जम्मू-कश्मीर में जीवन यापन कर रहे हैं और आतंकवादियों द्वारा वहां बाहरी एवं गैर मुस्लिमों को निशाना बनाए जाने के कारण उनकी सुरक्षा को लेकर परिजन शशंकित हैं।
पड़घड़ी गांव निवासी ओम प्रकाश यादव ने कहा, “हमारे गांव में करीब 300 घर हैं। इनमें से अधिकतर घरों का कम से कम एक सदस्य जम्मू-कश्मीर में है। हम उनकी सुरक्षा को लेकर बहुत डरे हुए हैं।” उन्होंने गुस्से में सवाल किया, च्च्सरकार जब सुरक्षा प्रदान करने में असमर्थ है तो ऐसे में घाटी में शांति लौट आने के झूठे दावे क्यों कर रही है।”
शोक संतप्त परिवार को सांत्वना देने के लिए लखपुरा परघडी पहुंचे स्थानीय भाजपा विधायक राम नारायण मंडल ने हालांकि कहा कि ग्रामीणों की आशंकाओं को दूर किया जाएगा। उन्होंने कहा अपील है कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार में विश्वास बनाए रखें। कायरतापूर्ण कृत्य के लिए जिम्मेदार लोगों को अनुकरणीय सजा मिलेगी और शोक संतप्त परिवारों (कश्मीर में आतंकवादियों द्वारा मारे गए बिहारी प्रवासियों) के पुनर्वास को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाएगी।