मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले में मानसिक रूप से पीड़ित मासूम की जमकर पिटाई की गई. इसका वीडियो सोशल मीडिया में भी अपलोड किया गया. जिले के गुना बायपास क्षेत्र में रहने वाले एक गरीब परिवार के घर में शौचालय नहीं है. इसके कारण परिवार का 13 वर्षीय मानसिक रूप से बीमार मासूम बच्चा अशीष मंगलवार को खुले में शौच करने गया था. इस पर गौशाला क्षेत्र में रहने वाले एक युवक संजय बाथम ने उसकी बेल्टों से जमकर पीटाई की. मासूम की पिटाई का वीडियो बनवा कर सोशल मीडिया पर भी डाल दिया.
इतना सब होने के बाबजूद जब मानसिक रूप से बीमार बच्चा न्याय की गुहार लगाने देहता थाने पहुंचा तो पुलिस ने आरोपी के खिलाफ कार्रवाई करने से पल्ला झाड़ लिया. इस पूरे घटनाक्रम ने शहर में लगातार बिगड़ती जा रही कानून व्यवस्था और शहर को ओडीएफ बनाने के प्रशासनिक दावे की पोल खोलकर रख दी है.
दहशत में आकर बच्चे ने खुद को कमरे में किया बंद
पीड़ित बच्चे के अनुसार, संजय बाथम उसे पीटते हुए घर तक लेकर आया. साथ ही उसे धमकी भी दी कि जहां शिकायत करना है कर आओ. मेरा कुछ नहीं होने वाला है. इस मारपीट के बाद मासूम बच्चा इतनी दहशत में था कि वह घर से बाहर तक नहीं निकलना चाह रहा था. दहशत और शर्मिंदगी के कारण बच्चा खुद को घर के कमरे में बंद करके बैठा रहा. मां ने बड़ी मुश्किल से बच्चे को भरोसा दिलाया कि उसके साथ कुछ नहीं होगा, तब कही जाकर करीब 15 से 20 मिनट बाद बच्चे ने घर का दरवाजा खोला और बाहर आया.
कलेक्टर ने कहा- दिल दहला देने वाली है घटना
इस मामले में शिवपुरी के कलेक्टर रविन्द्र कुमार चौधरी ने कहा कि इस तरह की घटना दिल को दहलाने वाली वाली है. अगर बच्चे की मारा-पीटा गया है. वीडियो को सोशल मीडिया में अपलोड किया गया है. इस मामले में वह स्वयं एसपी से बात करेंगे. आरोपी शख्स के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.
आरोपी के खिलाफ होगी कार्रवाई
देहात क्षेत्र के थाना इंचार्ज जितेंद्र मवई ने बताया कि यह मामला मेरे संज्ञान में अब तक नहीं आया है. अगर इसके कुछ वीडियो-फोटो हैं तो उपलब्ध करवा दें. इस मामले में एफआईआर करवा कर आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
मामले में पुलिस ने बरती लापरवाही
सीडब्ल्यूसी की अध्यक्ष सुषमा पांडे ने कहा कि यह मामला मासूम बच्चे को प्रताड़ना का है. वह स्वयं जाकर उस बच्चे से मिलेंगी. मामले में संबंधित थाना प्रभारी को भी नोटिस जारी कर जबाब तलब किया जाएगा कि मासूम के साथ अपराध के मामले में इतनी लापरवाही आखिर कैसे बरती गई?
वकील संजीव बिलगैयां ने कहा कि बाल अपराध के मामले में न्यायालय के स्पष्ट निर्देश हैं कि प्रथम सूचना पर ही कार्रवाई होनी चाहिए, जो घटना क्रम पीड़ित के साथ घटा है यह सामान्य अपराध नहीं है. इसमें आईपीसी के अलावा आईटी एक्ट की धाराओं में केस दर्ज होना चाहिए. यह पुलिस की बड़ी लापरवाही है.