इजराइल का अटैक, फिर ईरान का काउंडर अटैक इसके बाद इजराइल के एक और अटैक से मिडिल ईस्ट में जंग की आग भड़क चुकी है. शुक्रवार सुबह इजराइल ने ईरान में 9 लोकेशन पर इजराइल ने हमले किए. इस हमले को लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. ईरानी अधिकारियों का मानना है कि ईरान पर ये हमला उसी की जमीन से किया गया है. दोनों देशों के बीच संघर्ष के बीच ये अपने आप में बहुत अहम और हैरान करने वाली बात है.
ईरानी अधिकारियों का मानना है कि ईरान के अंदर से ड्रोन चलाए गए थे. उनका दावा है कि इजराइली समर्थक मिलिशिया गुट ईरान के भीतर घुस आया. उसने ड्रोन से टारगेट किया. यहां ध्यान देने वाली बात ये है कि इस हमले को लेकर ईरान अभी इजराइल को न क्लीन चिट दे रहा है और न ही इसे इजराइल का हमला मान रहा है. हमला छोटा हो या बड़ा, अगर ईरान ने माना कि इजराइली अटैक है तो ईरान पर जवाबी कार्रवाई करने का दबाव होगा.
कहां और कैसे इजराइल ने किए हमले
शुक्रवार तड़के इजराइल ने ईरान की 9 लोकेशन्स को मिसाइल और ड्रोन से निशाना बनाया. इसमें मिलिट्री कैपिटल कहा जाने वाला इस्फहान शहर भी था. यहां एयरपोर्ट के आसपास धमाकों की आवाज सुनी गई. इसके बाद कई फ्लाइटों को डाइवर्ट किया गया. इस्फहान में नाटंज न्यूक्लियर प्लांट के साथ ही इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स की एयरफोर्स का हेडक्वार्टर भी है.
ईरान पर अटैक करने की इजराइल की वजह
दरअसल, 1 अप्रैल को सीरिया की राजधानी दमिश्क में ईरानी एंबेसी पर इजराइल ने हमला किया था. इसके बाद ईरान ने दो टूक कहा था कि इजराइल को इसका परिणाम भुगतना होगा. ईरान ने ऐसा किया भी. 13 दिन बाद ईरान ने इजराइल पर 300 से ज्यादा ड्रोन और मिसाइल से हमले किए. हालांकि, इन हमलों में इजराइल को नुकसान नहीं हुआ, क्योंकि उसने ज्यादातर ड्रोन और मिसाइल को मार गिराया था. ऐसा दावा इजराइल का है.
खुद पर हुए हमले के बाद इजराइल ने भी कहा कि वो इसका जवाब देगा. इसके लिए उसने ईरान की तरह 13 दिन तो नहीं लेकिन करीब एक हफ्ते का टाइम लिया. अब अगर ईरान के दावे की बात करें कि इन हमलों के लिए उसकी ही जमीन का उपयोग किया गया है तो ये अपने आप में बहुत हैरान कर देने वाली बात है.