Breaking
पांच दशकों के जुड़ाव पर लग गया विराम, राहुल ने क्यों छोड़ी अमेठी? कौन हैं दिनेश सिंह, जिन्हें BJP ने रायबरेली से दिया टिकट, फ्लाइट में प्रियंका से कहा था- खतरे में है... हार का डर या रणनीति का हिस्सा…राहुल ने अमेठी के बजाय रायबरेली को क्यों चुना? कांग्रेस ने खत्म किया सस्पेंस, रायबरेली से राहुल तो अमेठी से केएल शर्मा को बनाया उम्मीदवार डीपफेक वीडियो केस: कोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग पर भरोसा, निर्देश देने से किया इनकार दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को धमकी मामले में बड़ा खुलासा, सामने आया ‘2023 वाला पैटर्न’ दंडी आश्रम, कमरा नंबर-12 और डर्टी पिक्चर… नाबालिग बटुकों से अपनी भूख मिटाने वाले आचार्य की कहानी औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था, कांग्रेस विरासत टैक्स लगाएगी… फिराजाबाद की सभा में बरसे सीएम योगी रोहित शर्मा ने तो टेंशन दे दी…T20 World Cup में इस कमजोरी से हो जाएगा बेड़ा गर्क तवायफों की दुनिया में आपका स्वागत है, लेकिन जरा संभलकर, कैसी है संजय लीला भंसाली की हीरामंडी?

चुनौतियों से भरा होता है बस्तर में वोटिंग कराना और EVM को सुरक्षित लाना, सुरक्षा में एक चूक पड़ सकती है भारी

Whats App

छत्तीसगढ़ के बस्तर लोकसभा क्षेत्र के इलाकों में चुनाव करना किसी चुनौती से कम नहीं होता। इसीलिए बस्तर के ज्यादातर मतदान केंद्रों को संवेदनशील मतदान केंद्र बनाया गया है। साथ ही अंदरूनी इलाकों में जो मतदान केंद्र बनाए गए हैं, उन्हें अति संवेदनशील मतदान केंद्र घोषित किया गया है। इन इलाकों में अक्सर नक्सली चुनाव के दौरान किसी बड़ी वारदात को अंजाम देने की फिराक में रहते हैं। साथ ही इन इलाकों में नक्सली लोकतंत्र का लगातार विरोध करते आ रहे हैं लेकिन फिर भी बस्तर से जो तस्वीर सामने आई है वह वाकय ही लोकतंत्र के लिए एक सुखद तस्वीर है।

बस्तर लोकसभा क्षेत्र के कटेकल्याण इलाके में अंदरूनी क्षेत्रों में मतदान केंद्र बनाए गए थे। जहां मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग भी किया इन इलाकों में वोटिंग का समय सुबह 7 से 3 बजे तक तय किया गया था यह अंदरूनी क्षेत्र की इलाके हैं। यहां माओवादी सिर्फ एक चूक का इंतजार करते हैं और वारदात को अंजाम दे देते हैं। शायद इसीलिए इन इलाकों में चप्पे चप्पे पर सुरक्षा बलों के जवानों को तैनात किया गया था। 3 बजे जैसे ही मतदान खत्म हुआ तो शाम 4 बजे पोलिंग पार्टी को अंदरूनी क्षेत्रों से पैदल ही सुरक्षाबल के जवानों के साथ मुख्य सड़क तक लाया गया। आपको एक तस्वीर याद आती होगी न्यूटन फिल्म की जहां ईवीएम मशीनों को किस तरह से पैदल सुरक्षित लाया जाता है। कुछ ऐसी ही तस्वीर बस्तर में भी देखने को मिली जहां पर मतदान दल के कर्मचारी ईवीएम मशीनों को लेकर पैदल चलते हुए आ रहे हैं और एक जगह इंतजार कर रहे हैं। इनके साथ पर्याप्त सुरक्षा बल के जवान आधुनिक हथियारों के साथ लेस हैं। इसके अलावा जैसे ही अंदर-अंदर के क्षेत्र में पंजाब केसरी  की टीम बढ़ती है तो हमें यह भी दिखाई देता है कि अंदरूनी क्षेत्रों में मतदान कर्मचारी पैदल ईवीएम मशीनों को लेकर मुख्य सड़क तक पहुंच रहे हैं। खुशी भी है, उत्साह भी है कि लोकतंत्र के महापर्व में हिस्सा ले रहे हैं। साथ उन्होंने बताया इस बार 2024 के आम चुनाव में अंदरूनी क्षेत्र के लोगों ने भी अपने मताधिकार का प्रयोग किया और इस लोकतंत्र के इस पर्व में अपने हिस्सेदारी तय की।

पांच दशकों के जुड़ाव पर लग गया विराम, राहुल ने क्यों छोड़ी अमेठी?     |     कौन हैं दिनेश सिंह, जिन्हें BJP ने रायबरेली से दिया टिकट, फ्लाइट में प्रियंका से कहा था- खतरे में है आपकी कुर्सी     |     हार का डर या रणनीति का हिस्सा…राहुल ने अमेठी के बजाय रायबरेली को क्यों चुना?     |     कांग्रेस ने खत्म किया सस्पेंस, रायबरेली से राहुल तो अमेठी से केएल शर्मा को बनाया उम्मीदवार     |     डीपफेक वीडियो केस: कोर्ट ने कहा- चुनाव आयोग पर भरोसा, निर्देश देने से किया इनकार     |     दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों को धमकी मामले में बड़ा खुलासा, सामने आया ‘2023 वाला पैटर्न’     |     दंडी आश्रम, कमरा नंबर-12 और डर्टी पिक्चर… नाबालिग बटुकों से अपनी भूख मिटाने वाले आचार्य की कहानी     |     औरंगजेब ने जजिया कर लगाया था, कांग्रेस विरासत टैक्स लगाएगी… फिराजाबाद की सभा में बरसे सीएम योगी     |     रोहित शर्मा ने तो टेंशन दे दी…T20 World Cup में इस कमजोरी से हो जाएगा बेड़ा गर्क     |     तवायफों की दुनिया में आपका स्वागत है, लेकिन जरा संभलकर, कैसी है संजय लीला भंसाली की हीरामंडी?     |    

पत्रकार बंधु भारत के किसी भी क्षेत्र से जुड़ने के लिए इस नम्बर पर सम्पर्क करें- 9431277374