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आनंद सुब्रमण्यम की पहली गिरफ्तारी, NSE को-लोकेशन स्कैम में, कई और हो सकते हैं गिरफ्तार

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नई दिल्ली  नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ग्रुप के पूर्व ऑपरेटिंग ऑफिसर आनंद सुब्रमण्यम को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (CBI) ने गुरुवार देर रात को गिरफ्तार कर लिया है। CBI ऑफिसर के मुताबिक उनकी गिरफ्तारी NSE को-लोकेशन स्कैम को लेकर हुई। NSE पर कुछ साल पहले हुए इस घोटाले में यह अभी तक की पहली गिरफ्तारी है।

बताया जा रहा है कि आनंद सुब्रमण्यम को उसके चेन्नई वाले घर से गिरफ्तार किया गया। उसे दिल्ली स्थित CBI मुख्यालय ले जाने की तैयारी है, जिसके बाद हिरासत के लिए उसे कोर्ट में पेश किया जाएगा। को-लोकेशन स्कैम में हो रही जांच NSE को-लोकेशन स्कैम में CBI आनंद सुब्रमण्यम से भी पूछताछ कर रही थी। वह जांच एजेंसी के साथ सहयोग नहीं कर रहा था और CBI अज्ञात योगी और चित्रा के बीच ईमल पर हुई बातचीत के बारे में ज्यादा जानकारी चाह रही थी, लेकिन आनंद सही से इस बारे में नहीं बता रहा था।

2016 में आरोप लगने के बाद आनंद ने NSE छोड़ा

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आनंद सुब्रमण्यम को पहली बार 2013 में नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (NSE) में मुख्य स्ट्रैटेजिक एडवाइजर के रूप में अपॉइंट किया गया था। इसके बाद MD चित्रा रामकृष्ण ने 2015 में NSE के ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर के रूप में प्रमोट किया गया था। 2016 में अनियमितताओं के आरोप लगने के बाद उन्होंने नेशनल स्टॉक एक्सचेंज छोड़ दिया।

आनंद की पदोन्नति में गड़बड़ी के आरोप

CBI ने अपनी जांच में कहा है कि आनंद सुब्रमण्यम का अपॉइंटमेंट चित्रा रामकृष्णन ने करवाया था। सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (Sebi) ने चित्रा रामकृष्ण और अन्य पर सुब्रमण्यम को मुख्य स्ट्रेजिक एडवाइजर के रूप में अपाइंट करने और ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर और MD के एडवाइजर के रूप में उनके पदोन्नति में गड़बड़ी करने का आरोप लगाया।

मार्केट रेगुलेटर ने रामकृष्ण पर 3 करोड़ रुपए, NSE के पूर्व MD और CEO सुब्रमण्यम, NSE के पूर्व MD और CEO रवि नारायण पर 2 करोड़ रुपए और चीफ रेगुलेटर ऑफिसर और कंप्लायंस ऑफिसर वी आर नरसिम्हन पर 6 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

को-लोकेशन फैसिलिटी का एक्सेस देने से स्कैम हुआ

NSE को-लोकेशन स्कैम में कुछ चुनिंदा ब्रोकर्स को गलत तरीके से फायदा पहुंचाया गया था। इसकी जांच में सामने आया था कि OPG सिक्योरिटीज नामक ब्रोकरेज फर्म को फायदा पहुंचाने के लिए उसे को-लोकेशन फैसिलिटीज का एक्सेस दिया गया था। इस फैसिलिटी में मौजूद ब्रोकर्स को बाकियों की तुलना में कुछ समय पहले ही सारा डेटा मिल जाता है।

करोड़ों रुपए का हेर फेर किया गया

CBI का मानना है कि इस तरह NSE पर करोड़ों रुपए की हेर-फेर की गई। यह स्कैम उसी समय शुरू हुआ था, जब चित्रा नंबर दो की हैसियत से प्रमोट होकर नंबर वन बनने के बेहद करीब थी। चित्रा के CEO बनने के बाद भी यह स्कैम चलता रहा था और तब आनंद उसका सबसे करीबी सहयोगी बन चुका था। CBI इस मामले में उस अज्ञात योगी का कनेक्शन तलाश रही है, जिसके इशारे पर चित्रा NSE के सारे फैसले ले रही थी।

NSE में आनंद को 9 गुना से भी ज्यादा का पैकेज मिला

सेबी के एक हालिया आदेश के बाद इस पूरे मामले की जानकारी खुलकर सामने आई। सेबी के आदेश के मुताबिक, 2013 में NSE की CEO और MD चित्रा रामकृष्णा ने आनंद सुब्रमण्यम को चीफ स्ट्रेटजी ऑफिसर (COO) के पद पर हायर किया।

आनंद सुब्रमण्यम NSE में आने से पहले 15 लाख रुपए की नौकरी कर रहा था। NSE में उसे 9 गुना से भी ज्यादा बढ़ाकर 1.38 करोड़ रुपए का पैकेज दिया गया। इसके बाद उसे लगातार प्रमोशन मिला और वह कुछ ही समय में ग्रुप ऑपरेटिंग ऑफिसर (GOO) बन गया था।

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