शास्त्रों में बताया गया है कि महाशिवरात्रि के दिन मनुष्य को अपनी मनोकामना के अनुसार शिव की पूजा करनी चाहिए। अपनी पूजा से शिव को यह बताएं कि आप शिव से क्या चाहते हैं। जो व्यक्ति सांसारिक मोह माया से मुक्त होना चाहते हैं। शिव की चरणों में स्थान पाने की कामना रखते हैं। उनके लिए शास्त्रों में कहा गया है कि महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल और दूध से भगवान शिव का अभिषेक करें। ऐसे व्यक्तियों को महाशिवरात्रि की रात में जागरण करके शिव पुराण का पाठ करना या सुनना चाहिए। शिव भजन से भी लाभ मिलता है।
आर्थिक समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए
जो व्यक्ति काफी समय से वाहन खरीदने के लिए प्रयास कर रहे हैं,लेकिन कामयाबी नहीं मिल रही है। तो महाशिवरात्रि के दिन दही से भगवान शिव का अभिषेक करें। आर्थिक समस्याओं के कारण जो लोग परेशान और चिंतित रहते हैं उनके लिए महाशिवरात्रि पर शिव जी की पूजा का खास विधान है। ऐसे लोगों को शहद और घी से भगवान शिव का अभिषेक करना चाहिए। प्रसाद के तौर पर भोलेनाथ को गन्ना अर्पित करें।
अच्छी सेहत के लिए
जो व्यक्ति अक्सर बीमार रहते हैं या जिनके स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव बना रहता है उन्हे महाशिवरात्रि के मौके का लाभ उठाना चाहिए। शास्त्रों में कहा गया है कि भोलेनाथ कालों के भी काल हैं जिनके सामने यम भी हाथ जोड़े खड़े रहते हैं। इसलिए महाशिवरात्रि के दिन बेहतर स्वास्थ्य की इच्छा रखने वालों को जल में दुर्वा मिलाकर शिव जी को अर्पित करना चाहिए। जितना अधिक संभव हो महामृत्युंजय मंत्र का जप करें।
सुखद वैवाहिक जीवन के लिए
विवाह के लिए सर्वोत्तम मंत्र है “ॐ पार्वतीपतये नमः”। इस मंत्र के जाप से भगवान भोलेनाथ के साथ ही माता पार्वती का आशीर्वाद भी मिलता है और विवाह में आ रही समस्याएं दूर हो जाती हैं।
योग्य संतान के लिए
जो दंपत्ति योग्य संतान की अभिलाषा रखते हैं उन्हें महाशिवरात्रि के दिन दूध से शिवलिंग का अभिषेक करना चाहिए। शिव के साथ ही मां पार्वती और गणेश एवं कार्तिक की पूजा भी संतान सुख के योग मजबूत बनाता है।