इन्फ्रास्ट्रक्चर की 150 करोड़ रुपए या इससे अधिक के खर्च वाली 443 परियोजनाओं की लागत में तय अनुमान से 4।45 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की बढ़ोतरी हुई है। एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई है। देरी और अन्य कारणों की वजह से इन परियोजनाओं की लागत बढ़ी है। सांख्यिकी और कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्रालय 150 करोड़ रुपए या इससे अधिक लागत वाली बुनियादी ढांचा क्षेत्र की परियोजनाओं की निगरानी करता है। मंत्रालय की जनवरी, 2022 की रिपोर्ट में कहा गया है कि इस तरह की 1,671 परियोजनाओं में से 443 की लागत बढ़ी है, जबकि 514 परियोजनाएं देरी से चल रही हैं। रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘इन 1,671 परियोजनाओं के क्रियान्वयन की मूल लागत 22,54,175।77 करोड़ रुपए थी, जिसके बढ़कर 26,99,651।62 करोड़ रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान है। इससे पता चलता है कि इन परियोजनाओं की लागत 19।76 फीसदी या 4,45,475।85 करोड़ रुपए बढ़ी है।’’
देरी से चल रही 514 परियोजनाओं में 89 परियोजनाएं एक महीने से 12 महीने की, 113 परियोजनाएं 13 से 24 महीने की, 204 परियोजनाएं 25 से 60 महीने की और 108 परियोजनाएं 61 महीने या अधिक की देरी में चल रही हैं। इन 514 परियोजनाओं की देरी का औसत 46।23 महीने है। इन परियोजनाओं की देरी के कारणों में भूमि अधिग्रहण में विलंब, पर्यावरण और वन विभाग की मंजूरियां मिलने में देरी और बुनियादी संरचना की कमी प्रमुख है। इनके अलावा परियोजना का वित्तपोषण, विस्तृत अभियांत्रिकी को मूर्त रूप दिये जाने में विलंब, परियोजनाओं की संभावनाओं में बदलाव, निविदा प्रक्रिया में देरी, ठेके देने व उपकरण मंगाने में देरी, कानूनी व अन्य दिक्कतें, अप्रत्याशित भू-परिवर्तन आदि की वजह से भी इन परियोजनाओं में विलंब हुआ है।
इन्फ्रा प्रोजेक्ट्स पर सरकार का फोकस है। इस बजट में भी वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि पीएम गति शक्ति प्लान से पूरे देश का इंफ्रास्ट्रक्चर मजबूत हो रहा है। इस प्रोजेक्ट की मदद से पूरे देश में इंफ्रास्ट्रक्चर का तेज विकास हो रहा है। इस प्रोजेक्ट पर सरकार 23000 करोड़ रुपये खर्च कर रही है। यह पूरा प्रोजेक्ट 107 लाख करोड़ का है जिससे पूरे देश में अलग-अलग इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास किया पीएम गति शक्ति प्लान के अंतर्गत देश में 25 हजार किमी का हाइवे बनाया जाएगा। इस योजना के अंतर्गत ‘वन स्टेशन वन प्रोडक्ट’ को भी बढ़ाया जाएगा। वित्त मंत्री ने कहा कि पीएम गति शक्ति प्लान से देश हर क्षेत्र में रोजगार के बड़े अवसर बन रहे हैं।