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बारिश से पुराने जर्जर मकान की छत गिरी, नहीं हुआ जानमाल का नुकसान

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जैसलमेर। सोनार दुर्ग स्थित व्यास पाड़ा में मकान की छत गिरने से क्षतिग्रस्त मकान।जैसलमेर में इन दिनों मानसून की बारिश से सोनार दुर्ग में एक पुराने मकान की छत गिर गई। हालांकि छत काफी पुरानी थी और वो मकान भी बरसों से खाली है इसलिए किसी जान माल को नुकसान नहीं पहुंचा है। मगर जर्जर मकानों को समय रहते हटाया नहीं गया तो आने वाले दिनों में और भी हादसों से लोगों को रुबरू होना पड़ सकता है। सोनार दुर्ग के व्यास पाड़ा में लंबे समय से खाली पड़े मकान की छत मंगलवार सुबह भरभरा के गिरने से लोगों को अब चिंता सताने लगी है। गौरतलब है कि जैसलमेर शहर में ऐसे कई सैकड़ों मकान है जो बरसों से वीरान पड़े हैं। सदियों से खाली पड़े मकान जर्जर हो चुके है। पड़ोसियों द्वारा नगरपरिषद में हर साल शिकायत की जाती है और नगरपरिषद मकान के बाहर नोटिस चिपका कर इति श्री कर लेती है। मगर आज तक इन मकानों का कुछ नहीं हो पाया है।कई सालों से खाली पड़े मकान की छत गिरने से नहीं हुआ जान माल का नुकसानबारिश में बढ़ता है खतराजैसलमेर के सोनार दुर्ग के व्यास पाड़ा में पुराने जर्जर मकान की पुरानी क्षतिग्रस्त हो चुकी छत गिरने से पड़ोसियों को एक बार फिर से चिंता सताने लगी है। हालांकि छत गिरने की घटना से कोई जान माल का नुकसान नहीं हुआ मगर लोगों के सामने कभी किसी बड़े हादसे की आशंका घिर आई है। शहर की पतली गलियों में ऐसे कई मकान है जिनके मकान मालिक जैसलमेर से दूसरे राज्यों में पलायन कर गए हैं और वे वापस लौट कर ही नहीं आए। ऐसे में इन मकानों के पास में रहने वाले लोगों को काफी परेशानी होती है। बारिश के मौसम में उनकी चिंता बहुत ज्यादा बढ़ जाती है। ऐसे में वे नगरपरिषद को शिकायत करते हैं मगर नगरपरिषद केवल नोटिस देकर अपनी ड्यूटी पूरी कर लेती है।सोनार दुर्ग में पुरातत्व विभाग नहीं करने देता कामसोनार दुर्ग ऐतिहासिक धरोहर और संरक्षित होने से पुरातत्व विभाग यहां किसी को न तो नव निर्माण करने की परमिशन है न ही मरम्मत करने का। ऐसे में सदियों पुराने मकान जर्जर हो रहे हैं और वे हादसों का सबब बनते हैं।

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