बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी लागू है. सीएम नीतीश कुमार ने नेक इरादे और सामाजिक ताना-बाना को और मजबूत करने के लिए इसे लागू किया था. समाज की महिलाओं ने दिल खोलकर मुख्यमंत्री के कदम का स्वागत किया. शांति से शादी ब्याह हो, किसी सामाजिक कार्यक्रम में हंगामा न हो, शराब के चलते किसी का घर नहीं उजड़े, कोई महिला प्रताड़ना की शिकार न हो. किसी मां की कोख शराब के चलते सूनी न हो और किसी बुजुर्ग का सहारा न छिने. इन्हीं सब बातों को ध्यान में रखकर शराबबंदी कानून उन्होंने लागू किया, लेकिन कहते हैं जब कुछ अच्छी चीजें होती हैं तो कुछ बुरी शक्तियां उसे नष्ट या बाधित करने पर आमादा हो जाती हैं. शराबबंदी को लेकर भी राज्य में कुछ ऐसा ही हो रहा है. चंद पैसों की लालच में शराब तस्करी से जुड़े लोग इस सामाजिक अभियान को पलीता लगाने में जुटे हैं. लोगों की जान ले रहे हैं.
बेतिया में जहरीली शराब का कहर
बेतिया के देवराज देउरवा गांव में जहरीली शराब पीने से 15 जुलाई 2021 को 9 लोगों की संदिग्ध मौत हो गई. कुछ लोग गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती हैं. इस घटना ने प्रशासनिक महकमे में खलबली मचा दी है. उत्पाद विभाग की टीम जांच में जुट गई है. गांव में सालों से शराब बेची जा रही थी. लगातार लोग शराब पी रहे थे. न सिर्फ इस गांव के लोग बल्कि, आसपास के कई गांवों के लोग यहां शराब पीते थे.
शराब माफिया ने पिलाकर मार डाला
बिहार में इस साल केवल शराब पीने से मौत की बात करें तो आंकड़े देखकर आप चौंक जाएंगे. आप भी सोचने लगेंगे कि माफिया कैसे शराब पिलाकर लोगों की जान ले रहे हैं.
5 फरवरी 2021, कैमूर
कुड़ासन में शराब पीने से दो की मौत
20 फरवरी, 2021
गोपालगंज के मंझवालिया में छह की मौत
फरवरी, 2021, मुजफ्फरपुर
कटरा और मनियारी में सात की मौत
मार्च 2021, नवादा
गोंदापुर, बुधौल, खरीदी बिगहा में 15 की मौत
शराब माफिया के निशाने पर खाकी
13 जुलाई 2021, दरभंगा
दरभंगा के केवटी थाना पुलिस के एक जवान सफीउर रहमान की जान शराब माफियाओं ने ले ली. शराब लदी स्कॉर्पियो से पुलिस जवान सफीउर रहमान को करीब 200 मीटर तक घसीटा गया. गंभीर हालत में जवान को अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उसकी मौत हो गई.
28 नवंबर 2017, समस्तीपुर
सरायरंजन में शराब माफिया की फायरिंग में हवलदार अनिल कुमार शहीद
15 दिसम्बर 2018, भोजपुर
शराब तस्करों का पीछा करते गाड़ी टकराई, ASI दीनानाथ सिंह शहीद
20 नवम्बर 2018, बक्सर
डुमरांव में तस्करों ने पुलिस वाहन पर किया हमला, बाल-बाल बचे पुलिसकर्मी
11 अक्टूबर 2019, छपरा
शराब लेकर घुस रहे तस्करों ने पुलिस पर फायरिंग की
16 जून 2020, आरा
आरा से कौशिक दुलारपुर में पुलिस के हथियार छीने, तस्करों को छुड़ाया
30 सितंबर 2020, पटना
जक्कनपुर में तस्करों ने ASI पर किया हमला
10 दिसंबर 2020, मधुबनी
रहिका के सतलखा गांव में छापेमारी करने गई टीम पर हमला
22 फरवरी 2021, बेगूसराय
पोखरिया में छापेमारी करने गई पुलिस पर पथराव, ईंट-पत्थर से हमला
23 फरवरी 2021, सीतामढ़ी
तस्करों के हमले में सब इंस्पेक्टर शहीद, चौकीदार घायल
शराब माफिया पर हो रही है कार्रवाई
ऐसा नहीं है कि बिहार में शराबबंदी कानून के बाद कार्रवाई नहीं हो रही है. कार्रवाई भी हो रही है, शराबी भी पकड़े जा रहे हैं और आरोपी पुलिसवालों पर भी एक्शन हो रहा है. पिछले पांच साल के आंकड़े तो यही बता रहे हैं.
शराबबंदी कानून के पांच साल- जनवरी 2021 तक के आंकड़े
— दो लाख 55 हजार 111 मामले दर्ज.
—करीब 51.7 लाख लीटर देसी शराब जब्त.
—94.9 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त.
—तीन लाख 39 हजार 401 की गिरफ्तारी.
—470 अभियुक्तों को कोर्ट से सजा मिली.
—619 पुलिसकर्मियों पर विभागीय कार्रवाई हुई.
—348 कर्मचारियों पर प्राथमिकी दर्ज की गई.
—186 लोगों को बर्खास्त किया गया.
—60 पुलिस पदाधिकारी थानाध्यक्ष पद से हटाए गए.
News18।