अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव हेतु अधिकारियों व कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए फायर मॉकड्रिल का हुआ आयोजन
श्रावस्ती। जिलाधिकारी नेहा प्रकाश के निर्देश पर कलेक्ट्रेट परिसर में अग्नि से होने वाली दुर्घटनाओं से बचाव हेतु अधिकारियों व कर्मचारियों को जागरूक करने के लिए उपजिलाधिकारी आशुतोष की उपस्थिति में फायर मॉकड्रिल का आयोजन किया गया। इस दौरान अग्निशमन अधिकारी संजय कुमार जायसवाल ने कर्मचारियों को प्रशिक्षित करते हुए बताया कि किसी भी पदार्थ के ज्वलनांक पर आक्सीजन के संपर्क में आने पर आग लगती है आग के लगने व बुझने के आधार पर आग को ए से लेकर इ तक पांच प्रकार में बांटा गया है। ’ए’ क्लास की आग ठोस पदार्थों में लगती है, इसे बुझाने के लिए पानी, कूलिंग सिस्टम, रेत या किसी भी प्रकार के अग्निशामक यंत्र का प्रयोग करते हैं।बी’ क्लास की आग तरल पदार्थों यथा तेल, पेंट, तारपीन आदि में लगती है। इसे बुझाने के लिए फोम कंपाउंड की आवश्यकता होती है, इसे स्मदरिंग (आग का दम घोंट कर) बुझा सकते हैं।सी’ क्लास की आग में एलपीजी, सीएनजी, पीएनजी, आदि गैसीय तत्वों में लगी आग आती है । इसे पानी, अग्निशामक यंत्र या स्मदरिंग सिस्टम से बुझा सकते हैं अगर कहीं एल पी जी सिलेंडर में आग लग जाये तो उसे सीधा खड़ा कर गीली चादर से लपेट दें। अगर संभव हो तो सिलेंडर को किसी नाले में फेंक दें या खुले में रख दें ।डी’ क्लास की आग में धातुओं में लगने वाली आग आती है जो खदानों, प्रयोगशाला अथवा उद्योग में लगती है इसे भी स्मदरिंग सिस्टम से बुझाया जा सकता है ’इ’ क्लास की आग इस समय कार्यालयों में बहुत लगती है विद्युत से लगने वाली आग को इस श्रेणी में रखा जाता है इसे बुझाने में पानी का प्रयोग नही कर सकते । इसे अग्निशामक यंत्र अथवा रेत के प्रयोग से बुझाते हैं।
मॉकड्रिल के दौरान प्रशासनिक अधिकारी ओमप्रकाश श्रीवास्तव, अपर जिलाधिकारी के आशुलिपिक के0के0 वैश्य, नाजिर अनूप तिवारी, ई-डिस्ट्रिक्ट मैनेजर शरद श्रीवास्तव, आपदा विशेषज्ञ अरुण कुमार मिश्र, दीपचंद श्रीवास्तव, अश्विनी यादव, फायर टेंडर चालक सोमप्रकाश यादव, विनोद कुमार, फायरमैन श्वेतांक श्रीवास्तव, आपदा लिपिक विपिन चटर्जी, सुरेन्द्र कुमार, अभिजीत शुक्ला, बलवंत सिंह, विश्वनाथ पटवा, अमनदीप, प्रवीण नरायन पाठक, मंसाराम, संदीप सिंह, बनवारीलाल, मो नफीस, सूबेदार श्रीवास्तव सहित समस्त अधिकारी व कर्मचारी गण उपस्थिति रहे।