केरल में सत्तारूढ़ मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) ने बुधवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस ने वायनाड में लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के डर से अपने और अपने प्रमुख सहयोगी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) के झंडे नहीं लगाये थे। केरल में मुख्य विपक्षी दल पर निशाना साधते हुए माकपा की राज्य इकाई के सचिव एम.वी. गोविंदन ने कहा कि यद्यपि कांग्रेस दावा कर रही है कि उसकी लड़ाई भाजपा से है, लेकिन उसके दो राष्ट्रीय नेता- राहुल गांधी और केसी वेणुगोपाल, दक्षिणी राज्य से चुनाव मैदान में हैं, जहां भाजपा की कोई भूमिका नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस की हिम्मत नहीं हुई कि वायनाड में रैली और चुनाव प्रचार के दौरान वह अपनी और अपनी सहयोगी आईयूएमएल के झंडे लगा सके, क्योंकि वे भाजपा से डर गये हैं। माकपा नेता ने कहा कि यह देखना वास्तव में दिलचस्प है कि कांग्रेस ने वायनाड में अपने प्रचार अभियान के दौरान पार्टी के झंडे तक नहीं लगाये हैं। गोविंदन ने 2019 में वायनाड में राहुल के प्रचार अभियान के दौरान के घटनाक्रम को याद किया, जब भाजपा ने आईयूएमएल के झंडों का हवाला देते हुए कहा था कि प्रचार के दौरान कांग्रेस के साथ पाकिस्तान के झंडे भी लगाये गये थे।
उन्होंने संवाददाताओं को यहां बताया, ”लेकिन कांग्रेस में यह कहने की भी हिम्मत नहीं थी कि वे पाकिस्तानी झंडे नहीं, बल्कि उनकी मुख्य सहयोगी आईयूएमएल के झंडे थे। कांग्रेस यह बताने को भी तैयार नहीं है कि बिना आईयूएमएल के समर्थन के वे वायनाड लोकसभा सीट जीत नहीं सकते।” वाम नेता ने आरोप लगाया कि इस बार भाजपा के प्रचार अभियान के डर से उन्होंने (कांग्रेस) न तो अपने झंडे लगाये और न ही आईयूएमएल के।