भोपाल । के वातावरण में नमी का असर कम हो गया है। शुष्कता बढ़ रही है। इसके कारण वायु प्रदूषण का असर कम हो रहा है। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर का वायु गुणवत्ता सूचकांक औसतन 100 तक पहुंच गया है। यह अच्छा संकेत है। सूचकांक हवा में प्रदूषण के स्तर को बताता है। प्रदूषण अधिक होगा तो सूचकांक बढ़ेगा और प्रदूषण कम होगा तो सूचकांक भी गिरेगा। पर्यावरण से जुड़े मामलों के जानकारों का कहना है कि जैसे-जैसे शुष्कता बढ़ेगी वैसे-वैसे परिवेशीय वायु साफ होगी। फरवरी 2022 के अंत तक भोपाल समेत मुख्य शहरों का वायु गुणवत्ता सूचकांक 80 से नीचे पहुंच सकता है। ठंड के दिनों में नमी का असर अधिक होता है। इसकी वजह से धूल, धुएं और कई तरह के गैसीय कण नमी पाकर भारी हो जाते हैं और निचले वातावरण में ही रहते हैं। इस वजह से हवा प्रदूषित होती है। ठंड के इस सीजन में भोपाल शहर का सूचकांक 300 के पार पहुंच गया था। यही स्थिति इंदौर, ग्वालियर व जबलपुर की थी। शुष्कता बढ़ने के साथ ही ये कण हल्के होते हैं और वातावरण में अधिक ऊंचाई तक पहुंच जाते हैं जिसकी वजह से वायु प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है। अब ऐसा ही हो रहा है।
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