बेटमा-देपालपुर। बदलते वक्त के साथ अब ना सिर्फ लोगों की सोच बदल रही है, बल्कि वह नए सोच को अपनाने के साथ साथ आने वाली पीढ़ी के लिए भी अभिप्रेरणा का कार्य कर रहे हैं। ऐसा ही एक अभिप्रेरित कार्य बेटमा के समीपस्थ गांव बोरिया में शादी के दौरान देखने को मिला। यहा घोड़ी पर दूल्हे की तरह सजी-धजी बैठी दुल्हन अस्मिता पटेल माता पूजन हेतु गांव की गलियों से गुजरी तो वही दूल्हे के परिजन ने भी दुल्हन ही दहेज वाली कहावत को चरितार्थ करते हुए दहेज नहीं लिया। बोरिया गांव के पटेल सुजानसिंह की परपोती अस्मिता जितेंद्र पटेल का विवाह मयंक डोड निवासी मोटी कडोद (धार) के साथ मंगलवार को संपन्न् हुआ।
दुल्हन के भाई अन्नू मकवाना ने बताया कि विवाह के दौरान दूल्हा ही घोड़ी पर निकलता है। बेटे और बेटी में समानता रखते हुए स्वजन द्वारा बेटी अस्मिता को घोड़ी पर बैठाया व आरती उतारी। फिर माता पूजन हेतू घोड़ी पर बैठाकर गाजे बाजे के साथ ले जाया गया। इस दौरान परिवार सदस्यों के साथ ही ईष्ट-मित्र जमकर थिरके भी। वही दूल्हे के पिता संजय डोड द्वारा भी सराहनीय कार्य करते हुए विवाह में दहेज लेने से साफ मना कर दिया।
परिवार में पहले भी ऐसी रस्में निभाई
वर्ष 2013 में भी विवाह में परिवार की बेटी मनीषा पटेल को घोड़ी पर बैठाकर गांव में जुलूस निकाला गया था। स्वजन का कहना है कि बेटियां बेटों से कम नहीं हैं और कंधे से कंधा मिलाकर चल रही हैं। इसलिए उनकी तरफ से यह पहल की गई है ताकि लोग समाज में ल.डकियों को बराबरी का मान-सम्मान दें।