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सरकारी अस्पतालों में नौकरी को तैयार नहीं डॉक्टर

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भोपाल| मध्यप्रदेश के सरकारी अस्पताल डॉक्टरों की कमी से जूझ रहे हैं। स्वास्थ्य विभाग ने मप्र लोक सेवा आयोग के जरिए डॉक्टरों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। यूपीएससी से चयनित होने के बावजूद डॉक्टर सरकारी अस्पतालों में नौकरी करने के लिए तैयार नहीं हैं। यूपीएससी से सिलेक्टेड 94 डॉक्टरों के नियुक्ति आदेश कैंसिल किए गए हैं। इन्होंने नियुक्ति आदेश जारी होने के एक महीने बाद भी जॉइन नहीं किया। स्वास्थ्य विभाग के उपसचिव केडी त्रिपाठी ने इन 94 डॉक्टरों के नियुक्ति आदेश कैंसिल कर दिए हैं।
तो शहर में पदस्थापना के लिए आवेदन
यूपीएससी से चयनित करीब 18 से 20 डॉक्टरों ने पारिवारिक कारणों, बीमारी, पति-पत्नी के साथ पोस्टिंग कराने जैसे कारणों का हवाला देकर अपनी पोस्टिंग बदलवाने के लिए आवेदन दिए थे। एक दर्जन डॉक्टरों के आवेदन नामंजूर कर दिए गए थे। 31 जनवरी को 5 डॉक्टरों की पदस्थापना के संशोधित आदेश जारी किए गए थे। अफसरों की माने तो ज्यादातर आवेदन ग्रामीण पीएचसी, सीएचसी से जिला अस्पताल में पोस्टिंग कराने को लेकर आए थे।
23 अगस्त 2021 को 432 डॉक्टर्स की पोस्टिंग की थी
बीते साल 23 अगस्त को स्वास्थ्य विभाग ने यूपीएससी से चयनित 432 डॉक्टरों की पोस्टिंग की थी। एक महीने के भीतर इन डॉक्टरों को जॉइन करना था। इसे बढ़ाकर 20 अक्टूबर तक जॉइन करने की समय सीमा बढ़ा दी गई थी। 23 अगस्त 2021 को 432 पीएससी सिलेक्टेड डॉक्टरों की पोस्टिंग के ऑर्डर जारी किए गए थे। इसके बाद डॉक्टरों की ओर से स्थान परिवर्तन जैसे आवेदन देने और जॉइनिंग की समयसीमा बढ़ाए जाने जैसे मामलों को लेकर स्वास्थ्य विभाग को करीब एक दर्जन आदेश जारी करने पड़े। इनमें आधा दर्जन संशोधित आदेश जारी हुए और आखिरकार जॉइन न करने वाले 94 डॉक्टरों की नियुक्ति निरस्त करनी पड़ी।

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