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मानसून ने रास्ता बदला, 12 साल में 5 बार देरी से आया

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जयपुर: लंबे इंतजार के बाद आखिरकार मानसून ने राजस्थान में दस्तक दे दी है। सामान्य तारीख से 8 दिन पहले हुई मानसून की एंट्री भी धमाकेदार रही। इस बार मानसून की एंट्री भी दक्षिण राजस्थान से न होकर पूर्वी राजस्थान के भरतपुर, अलवर, कोटा के रास्ते हुए है। इस एंट्री के साथ ही इन जिलों में अच्छी बारिश भी हुई। जबकि, हर बार मेवाड़ और वागड़ के डूंगरपुर, बांसवाड़ा और उदयपुर से एंट्री होती थी। राजस्थान में भरतपुर, धौलपुर, करौली, अलवर, दौसा, कोटा, झालावाड़, बारां, सवाई माधोपुर, जयपुर, टोंक तक पहुंच गया है। मौसम केन्द्र से मिली रिपोर्ट को देखे तो इस बार मानसून आने तक राजस्थान में औसत से थोड़ी ज्यादा बारिश हो चुकी है। राज्य में जून के महीने में औसत बारिश 50.1MM होती है, लेकिन 29 जून तक औसत बारिश इस बार 50.8MM हो चुकी है।12 साल में 5 बार लेट आया मानसूनराजस्थान में पिछले 12 साल में 5 बार मानसून लेट आया है। इसमें साल 2010, 2012, 2014 और 2019 है, जब मानसून जुलाई में आया। इसके अलावा साल 2017 में मानसून सामान्य डेट से 1 दिन की देरी से राजस्थान में एंट्री किया। राज्य मानसून की एंट्री की सामान्य डेट 26 जून मानी जाती है।जाने पिछले 12 साल में कैसा रहा प्रदेश में मानसूनराज्य में मानसून की स्थिति को देखते हुए पिछले 12 साल में केवल एक बार ऐसा रहा जब सामान्य से कम बारिश हुई हो। साल 2018 में प्रदेश में सामान्य से 6 फीसदी कम बारिश हुई थी, जबकि साल 2019 और 2011 में सामान्य से 41 फीसदी ज्यादा बारिश दर्ज हुई थी। पिछले साल 2021 में प्रदेश में 17 फीसदी ज्यादा बारिश हुई थी।

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