उत्तर प्रदेश के लखनऊ में आतंकी हमला करने की रणनीति बनाने वाले अकलायदा के दो संदिग्ध आतंकियों ने यूपी एटीएस के सामने बड़ा खुलासा किया है . पूछताछ के दौरान पता चला है कि एक कोड के जरिए आतंकियों तक संदेश पहुंचाने का काम हो रहा था . उस कोड के आधार पर ही बकरीद के दिन बड़े हमले की साजिश थी . उस बारे में एडीजी लॉ एंड ऑर्डर प्रशांत कुमार ने विस्तार से बताया है
आतंकियों का सीक्रेट कोड पता चला
उन्होंने जानकारी दी है कि यूपी में आतंकी घटना को अंजाम देने के लिए बॉर्डर पार से आतंकी आने वाले थे. आतंकियों ने अपना खुद का एक कोड बनाया था जिसके जरिए हर जरूरी संदेश दिया जा रहा है. एडीजी ने जानकारी दी कि आतंकियों द्वारा “गोश्त पकाओ दोस्त आएंगे” कोड का इस्तेमाल किया जा रहा था. इस कोड के जरिए ही संदेश दूसरे आतंकियों तक पहुंचाया जा रहा था और फिर बकरीद पर बड़े हमले की तैयारी थी. लेकिन क्योंकि एटीएस ने समय रहते बड़ी कार्रवाई की, इसलिए आतंकियों के नापाक मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए.
फोन के जरिए बड़े खुलासे
गिरफ्तार किए गए आतंकियों के फोन की भी जांच की गई है. उनकी कॉल डिटेल्स निकाली गई है जिससे कई चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. बताया गया है कि मिन्हाज नाम के आतंकी ने 8 और 9 जुलाई को कानपुर में सबसे ज्यादा कॉल की हैं. वहीं दो बार भी नेपाल कॉल की गई हैं. इस वजह से एटीएस की अलग-अलग टीमें दिल्ली, मेरठ, हरदोई, बरेली, कानपुर में अपनी जांच तेज कर रही हैं. वहीं उन आतंकियों के फोन से कई इलाकों के फोटो और वीडियो भी बरामद हुए हैं. इसमें मंदिरों में हजारों की भीड़, पार्किंग स्थल की फोटो शामिल है. बताया गया है कि भीड़-भाड़ वाले इलाकों में हमला करने की तैयारी थी. जांच एजेंसियां उस बाइक को भी ढूंढ रही हैं जिसके जरिए ये दोनों आतंकी लखनऊ के कई इलाकों की रेकी किया करते थे.
इसके अलावा आतंकियों के पास से एक काली डायरी भी बरामद हुई है जिसके हर पांचवें पन्ने पर अल्लाह लिखा हुआ है और सातवें पन्ने पर ‘कौम खतरे में’ लिखा हुआ