बांदा: बांदा की यमुना नदी में गुरुवार को नाव डूबने के बाद मरका घाट पर NDRF, SDRF और PAC के 78 जवानों ने शुक्रवार तक कुल 14 घंटे रेस्क्यू किया। टीम ने शनिवार सुबह 6 बजे से फिर रेस्क्यू शुरू किया है। महेवा, कौशांबी, किशन पुर, फतेहपुर, चित्रकूट में जाल लगाया गया है। यहां 60 जवान और 8 बोट लगाने के बावजूद 17 लोगों को नहीं ढूंढा जा सका है। जिस वक्त नाव डूबी, उसमें 35 लोग सवार थे। गुरुवार रात 11.10 बजे ऑपरेशन जिंदगी शुरू हुआ था। एहतियातन यहां घाटों पर गोताखोरों को तैनात किया गया है।पूरी रात लापता लोगों के मिलने की आस में परिजन बैठे रहेयमुना नदी के किनारे पूरी रात लापता लोगों के परिजन और गांव के लोग बैठे रहे। रुक-रुक कर लोगों के रोने-चीखने की आवाज आती रही। DM अनुराग पतले, ASP लक्ष्मी निवास मिश्रा, ADM सुरभि भी मौके पर डटी रहीं। DM अनुराग पटेल ने बताया,”NDRF और SDRF की टीम मौके पर मौजूद है। लोकल गोताखोर के साथ, स्टीमर व नाविक भी हैं, जो उन्हें गाइड करेंगे।”स्थानीय विजय शंकर ने बताया,”हर साल रक्षाबंधन के दिन यमुना नदी के किनारे मेला लगता है। इस मेले को नवी मेला कहते हैं। इसमें गांव के लोग शामिल होते हैं। महिलाएं यमुना नदी में नौनियां की यात्रा करती हैं, लेकिन गुरुवार दोपहर नाव डूब जाने की वजह से मेले का आयोजन नहीं किया गया है।अब तक 3 शव मिलेअब तक रेस्क्यू अभियान में 3 लोगों के शव बरामद किए गए हैं। प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है, “10 से अधिक लोगों की मौत हो सकती है। नाव पर 20 लोगों के बैठने की क्षमता थी, जबकि उसमें 35 लोगों के अलावा कुछ मोटरसाइकिल भी लदी थीं।” मौके पर पहुंचे SP अभिनंदन ने बताया,”एक पुरुष, एक महिला और एक साल के बच्चे का शव मिला है।”डूबने की सटीक लोकेशन नहीं मिलने से ऑपरेशन में परेशानीकेंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति शुक्रवार को फतेहपुर के असोथर राम नगर कौहन्न घाट पहुंची थीं। जहां उन्होंने कहा,”बांदा प्रशासन ने फतेहपुर प्रशासन का तुरंत सहयोग नहीं लिया। उन्होंने रेस्क्यू के लिए स्टीमर और बड़े जाल को उपलब्ध कराने की मांग की है।”NDRF कमांडेंट नीरज मिश्रा ने बताया,”पानी की गहराई 40 से 50 फीट है। अभी तक किसी की सही लोकेशन का पता नहीं चल पाया है। कोई भी प्रत्यक्षदर्शी सही बात नहीं बता पा रहा है। कोई बता रहा है कि नाव नदी के बीचों बीच पलटी है। कोई बता रहा है कि किनारे आते वक्त पलटी है। मटमैला पानी होने के चलते भी ऑपरेशन में दिक्कत आ रही है।”पीड़ितों की कहानी, उनकी जुबानीमरका घाट बृजकिशोर भी खड़े होकर यमुना की ओर देख रहे हैं। वे राखी बंधवाने के लिए पत्नी को लेकर कठौता जा रहे थे। तभी अचानक नाव डूब गई। उन्होंने ने किसी तरह से अपनी जान बचा ली। पत्नी का अभी तक पता नहीं चल पाया है। घटनास्थल पर पहुंची ममता अपने बेटे को याद कर के फूट-फूट कर रोने लगी। उन्होंने कहा, ”मेरा बेटा राखी बंधवाने आया था। वापस जाने के दौरान डूबने से उसकी मौत हो गई।”फूलक की रहने वाली ममता ने बताया, ”मेरी देवरानी और बेटी राखी बांधने जा रहे थे। बेटी की डूबने से मौत से हो गई। देवरानी तैरकर बाहर निकल आई।” नदी के किनारे बैठी जवेत्री बिलख रही हैं,” मेरे पति झल्लू रक्षाबंधन मनाने के लिए दो दिन पहले गुजरात से आया था। वो लापता है।”रेस्क्यू में 8 नावों के साथ जुटी टीमNDRF की 30 सदस्यीय टीम 4 नाव के साथ।SDRF की 35 सदस्यीय टीम तीन नाव के साथ।13 सदस्यीय PAC भी एक नाव के साथ।बीच धार में पहुंचते ही पलटी नावरक्षाबंधन पर समगरा गांव से महिलाएं और अन्य लोग मरका घाट पर पहुंचे थे। यमुना नदी पार करके फतेहपुर जिले के असोथर घाट जाने के लिए नाव पर 35 लोग सवार हुए थे। यमुना नदी में बीच धारा में पहुंचते ही नाव बैलेंस बिगड़ गया और वह पलट गई।बांस के सहारे आया बाहरनदी से बचकर आए केपी यादव ने बताया, “मैं लखनऊ से समधरा आया था। समधरा अपनी वाइफ को छोड़कर अपनी बहन के घर राखी बंधवाने जा रहा था। मुझे बरैची जाना था। मैं मोटरसाइकिल से अकेला जा रहा था। मैं नाव पर मोटरसाइकिल के साथ सवार हुआ, मेरी मोटर साइकिल डूब गई।”यादव ने कहा, “मैं किसी तरह बांस के सहारे बाहर निकल पाया। नाव की पतवार अचानक से टूट गई। तेज बहाव की वजह से नाव असंतुलित हो गई। नाविक संभाल नहीं पाया। उसके बाद नाव पलट गई। कुछ लोग तो बच गए हैं, लेकिन अभी बहुत लोग नहीं बाहर आ पाए हैं।”भाजपा मंत्री रामकेश निषाद और राकेश सचान घटनास्थल पर पहुंचे थे। मृतकों के परिजनों को 4 लाख रुपए की राहत राशि देने की घोषणा की गई है।इनकी हुई मौतफुलवा (45) निवासी सावला डेरा जरौरी जिला फतेहपुर।किशन (1) पुत्र दिनेश यादव, निवासी मर्का।राजरानी (40) निवासी कउहन जिला फतेहपुर।SDM फतेहपुर का वीडियो भी वायरल हुआगुरुवार को फतेहपुर के सदर SDM एनपी मौर्य का वीडियो सामने आया है। वीडियो में वह कर रहे कि यह तो बांदा जिले की घटना है हम तो तमाशबीन लोग हैं और तमाशा देख रहे हैं। खास बात यह है कि SDM पहले बांदा में ही तैनात थे। हाल ही में ट्रांसफर होकर फतेहपुर आए है।
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