
गुरूवार को भोरे रेफरल अस्पताल की जांच की गयी. स्वास्थ्य विभाग की पांच सदस्यीय टीम ने जांच की. इस दौरान टीम ने कथित वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता की जांच की. जांच को लेकर पूरे दिन अस्पताल परिसर में अफरा तफरी मची रही. देर शाम तक चली जांच के बाद टीम गोपालगंज के सिविल सर्जन को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. बता दें कि 31 जुलाई को अपनी विभिन्न मांगों के समर्थन में प्रखंड की सभी आशा कार्यकर्ताओं ने रेफरल अस्पताल परिसर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. खाबर इमाम के ऊपर गंभीर आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया था.
इसे लेकर गोपालगंज के सिविल सर्जन डॉ. योगेंद्र महतो गोपालगंज से भोरे पहुंचे थे. जहां आशा कार्यकर्ताओं ने डॉ. खाबर इमाम के खिलाफ वित्तीय और प्रशासनिक अनियमितता का आरोप लगाया था. इसके बाद सिविल सर्जन ने भी अस्पताल की जांच की थी. इसके अगले ही दिन सिविल सर्जन ने भोरे रेफरल अस्पताल के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. खाबर इमाम को हटाते हुए डॉ. देवकांत को प्रभारी बना दिया था. प्रभारी के खिलाफ लगे आरोपों की जांच के लिए सिविल सर्जन ने पांच सदस्यीय टीम का गठन किया. जिसमें अपर मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी, गोपालगंज डॉ. संजीव कुमार, सदर अस्पताल के चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. संजय कुमार सिंह, बरौली के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. विजय कुमार पासवान, सिविल सर्जन कार्यालय के लिपिक राजेश कुमार, जिला स्वास्थ्य समिति के लेखा प्रबंधक नवीन कुमार को शामिल किया गया. गुरूवार को गोपालगंज से पांच सदस्यीय टीम भोरे पहुंची, जहां अस्पताल में हुए कायाकल्प को देखा. साथ ही अस्पताल परिसर में बन रहे कोविड वार्ड को निरीक्षण किया. इसके साथ ही के इन कार्यों के लिए किये गये खर्च का लेखा-जोखा भी देखा गया. इस दौरान वहां मौजूद लोगों का भी बयान टीम ने दर्ज किया. जहां लोगों ने अस्पताल में हुए विकास कार्यों पर संतुष्टि जतायी. हालांकि देर शाम तक चली जांच के कारण जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ पायी है. जांच टीम अपनी रिपोर्ट तीन दिनों के अंदर सिविल सर्जन को सौंपेगी.