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सत्यपाल मलिक बोले-कृषि कानून को लेकर जब PM मोदी से मिला वे अहंकारी थे, उनसे हो गई थी मेरी लड़ाई

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मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि केंद्र के तीनों कृषि कानूनों का रद्द होना किसानों की ऐतिहासिक जीत है। सत्यपाल मलिक ने सरकार और भाजपा नेतृत्व पर हमला जारी रखते हुए आरोप लगाया कि जब किसानों के विरोध प्रदर्शन पर चर्चा करने के लिए वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तो वे “अहंकारी” थे और उनकी उनके साथ बहस हो गई थी।

हरियाणा के दादरी में एक सामाजिक समारोह को संबोधित करते हुए मलिक ने कहा कि मैं जब किसानों के मामले में प्रधानमंत्री जी से मिलने गया तो मेरी पांच मिनट में लड़ाई हो गई उनसे। वो बहुत घमंड में थे। जब मैंने उनसे कहा कि हमारे 500 लोग मर गए…तो उन्होंने कहा कि मेरे लिए मरे हैं? (मैंने) कहा आपके लिए ही तो मरे थे, जो आप राजा बने हुए हो…मेरा झगड़ा हो गया। उन्होंने कहा अब आप अमित शाह से मिल लो। इसके बाद मैं अमित शाह से मिला। इसके साथ ही मलिक ने कहा कि वह खुद भी इन कृषि कानूनों के खिलाफ थे।

मलिक ने कहा कि अन्नदाताओं ने अपने अधिकारों व हकों की लड़ाई जीती है और भविष्य में भी अगर किसानों के खिलाफ कोई सरकार कदम उठाती है तो वह पूरी ईमानदारी से इसका विरोध करेंगे और अगर कोई पद छोड़ने की बात आई तब भी वह पीछे नहीं हटेंगे। मेघालय के राज्यपाल रविवार को दादरी में किसानों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मेरे लिए किसी भी पद से पहले किसानों का हित सर्वोपरि है।

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राज्यपाल ने कहा कि किसानों के अधिकारों पर आंच नहीं आने दी जाएगी और अगर इसका हनन होता है तो उनको सहन करने वाला भी दोषी कहलाता है। उन्होंने कहा कि जब सरकार किसानों से संबंधित कानून बनाती है तो पहले किसानों की राय जाने और अगर कोई बिल बनाना है तो किसानों के फायदे के लिए बनाया जाए। उन्होंने कहा कि अगर बिल के विरोध में किसान सड़कों पर खड़े होंगे तो उसका कोई फायदा नहीं है। उन्होंने तोशाम के डाडम पहाड़ में हुए हादसे पर दुख प्रकट करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की।

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